विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) ने उन
यूनिवर्सिटीज पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है,जो यूजीसी की
लिस्ट से हटकर किसी भी तरह के मानमाफिक पाठ्यक्रम खोल लेते हैं। इस संबंध में मप्र
सहित देशभर के सारे विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को चेतावनी पत्र जारी किया है।
स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वही पाठ्यक्रम संचालित किए जाएं,जिनके नाम
यूजीसी की लिस्ट में दर्ज हैं।
विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे कोर्सोें की
मान्यता को लेकर यूजीसी ने कड़ा रुख अपना लिया है।
इसी के साथ अब कोई भी विश्वविद्यालय अपनी मनमर्जी से डिग्री कोर्स शुरू
नहीं कर सकता। लिस्ट से हटकर यूनिवर्सिटी द्वारा कोई कोर्स शुरू किए तो इसे यूजीसी
के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
हाल में में यूजीसी ने एक आदेश जारी कर जीवाजी
विश्वविद्यालय सहित सभी विश्वविद्यालयों को यूजीसी एक्ट का सख्ती से पालन करने के
निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा है कि देखने में आया है कि कुछ विश्वविद्यालय
यूजीसी के मान्य कोर्स के अलावा भी कुछ पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं। छात्रों
को उसकी डिग्री भी दे देते हैं। इसके चलते ना केवल छात्र का भविष्य खराब होता है
बल्कि कई तरह की समस्याओं के साथ मुकदमे बाजी की जड़ भी बन जाता है। इसी के चलते अब
यूजीसी ने विश्वविद्यालय को उसके यूजीसी एक्ट 1956 के अनुच्छेद 22 के
तहत मान्य डिग्री कोर्स के अनुसार ही छात्रों को डिग्री देने का निर्देश दिया है।
आदेश में कहा गया है कि यदि कोई विश्वविद्यालय
यूजीसी की मान्य कोर्स लिस्ट से अलग डिग्री कोर्स संचालित करना चाहता है तो उसे छह
माह पूर्व आयोग के पास इसके लिए पत्र भेजना होगा। इसके बाद आयोग के समक्ष उपस्थित
होकर उस पाठ्यक्रम को लेकर अपना पक्ष तथ्यों के साथ प्रस्तुत करना होगा। यूजीसी की
विशेषज्ञों की समिति को उचित लगेगा तो ही ऐसे नए कोर्स की मान्यता प्रदान की
जाएगी।
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