मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 2 अक्टूबर से प्रारंभ किए जा रहे ‘कुपोषण मुक्ति अभियान‘ में प्रदेशवासियों से सहयोग का आव्हान किया है। बघेल ने बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों को इस संबंध में पत्र लिखकर सहयोग मांगा है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि राज्य के 35.60 प्रतिशत छोटे बच्चे कुपोषण से तथा 15 से 49 वर्ष की 41.50 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। ये आंकड़े अन्तरात्मा को झकझोरने वाले हैं और किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को विचलित कर सकते हैं। कुपोषण एवं एनीमिया के प्रकोप से इतने अधिक लोगों के पीड़ित होने से भावी पीढ़ी के भविष्य का सहज ही अन्दाज लगाया जा सकता है। इतनी बड़ी संख्या में हमारे बच्चे और बहनें यदि कमजोर तथा बीमार रहेंगे तो सभ्य समाज के किसी भी व्यक्ति को सुख-चैन से जीने का नैतिक अधिकार नहीं बनता।
बघेल ने पत्र में लिखा है कि हमने राज्य में कुपोषण एवं एनीमिया को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लिया है। सम्पूर्ण राज्य में यह महायज्ञ 2 अक्टूबर 2019 से आरंभ किया जाएगा, जिसके तहत राज्य के कुपोषित एवं एनीमिया पीड़ितों को उनकी रूचि एवं शारीरिक आवश्यकताओं के अनुरूप प्रतिदिन निःशुल्क पोषणयुक्त भोजन की व्यवस्था की जाएगी। यह काम केवल सरकारी प्रयासों से सफल नहीं हो सकता, इसमें राज्य के सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। बघेल ने सभी प्रदेशवासियों से अनुरोध किया है कि वे यथाशक्ति तन-मन-धन से इस पुनीत कार्य में अपना योगदान दें। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से हम आगामी 3 वर्षों में राज्य को कुपोषण एवं एनीमियामुक्त करा लेंगे तथा ‘स्वस्थ छत्तीसगढ़‘ के साथ ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की कल्पना को साकार कर सकेंगे।
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