Saturday, 2 December 2017

यूपी निकाय चुनाव में औंधें मुंह गिरी आप पार्टी

यूपी निकाय चुनाव में औंधें मुंह गिरी आप पार्टी 




 दिल्ली के बाद उतर प्रदेश निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने का ख्वाब देख रही आदमी पार्टी औंधे मुंह गिरी है। गोवा, पंजाब विधानसभा चुनाव व दिल्ली नगर निगम चुनाव में मिली करारी हार के बाद आप के लिए यह एक और करारी हार है। पार्टी के नेता वहां बेहतरीन प्रदर्शन करने का दावा कर रहे थे वे अधिकतर सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों की जमानत तक नहीं बचा पाए। इसके पीछे पार्टी की गलत रणनीति और पार्टी नेतृत्व का अहंकार जिम्मेदार माना जा रहा है। पार्टी नेतृत्व कुछ खास लोगों कही ही सुनता है। ऐसे में पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं गुजरात में अब पार्टी की स्थिति इससे भी खराब होगी। आप पार्टी के नेता जिन संजय सिंह को पंजाब की बागडोर दी गई थी। उन पर और उनके साथियों पर वहां कई गलत कार्य करने के आरोप भी लगे। वह संजय सिंह दावा करते रहे कि आप की पंजाब में सरकार बन रही है। मगर बुरी तरह आप पराजित हुई। उन्हीं संजय सिह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का निकाय चुनाव लड़ा गया। उत्तर प्रदेश में भी आप को जनता ने नकार दिया है। इससे साफ है कि जनता ने साफ कर  दिया कि केजरीवाल दिल्ली की ही राजनीति करें।

- कैसा रहा प्रदर्शन 

उत्तर प्रदेश में उनकी जरूरत नहीं है। शायद यही कारण रहा है कि आप के तमाम तामझाम के बाद भी उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन का आप सपना ही देखती रही। जहां जहां आप बेहतर प्रदर्शन का सपना देख रही थी वहां वहां उसे मुंह का खानी पड़ी है। खराब प्रदर्शन वालों में मुरादाबाद, गाजियाबाद भी रहा। जिस गाजियाबाद में आप पैदा हुई थी। गाजियाबाद के कोशांबी में आप का दफ्तर था। वहां ही उसकी जमानत जब्त हुई है। यहां बता दें कि आप ने उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में महापौर के १६ पदों में से बनारस को छोड़कर सभी १५ सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। सभी की जमानत जब्त हो गई है। नगर पंचायत के लिए ४२९ सीटों में से २ सीटें जीती हैं। जबक ४०१ पर जमानत जब्त है। १९८ नगरपालिका सीटों पर सभी आप प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इतना ही नहीें पंचायत व पालिका सदस्य के कुल ८ हजार सीटों में से आप ने केवल २९ सीटें जीती हैं। जबकि ७६५६ सीटें पर आप की जमानत जब्त हो गई है। आप आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे व विधायक कपिल मिश्रा कहते हैं कि यह सब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की साख पर बट्टा है। साफ संकेत है कि केजरीवाल की नीतियों को जनता ने पसंद नहीं किया है। उन्हें यूपी की जनता ने नकार दिया है। वह कहते हैं कि आने वाले समय में केजरीवाल का हाल और भी बुरा होने वाला है। केजरीवाल का अहंकार ही केजरीवाल और आप को खा जाएगा। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी गुजरात में जीतने का सपना देख रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जीतने का ख्वाब देखा है। पार्टी ने वहां २१ प्रत्याशी उतारे हैं। जो संकेत उत्तर प्रदेश में जनता ने दिया है इससे जाहिर हो रहा है कि गुजरात में भी आप के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त न हो जाए तो बड़ी बात नहीं।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.