Saturday, 2 December 2017

पद्मावती पर प्रतिबंध के बहाने पांच सौ सीटों के मतदाताओं को साध रही है भाजपा

पद्मावती पर प्रतिबंध के बहाने पांच सौ सीटों के मतदाताओं को साध रही है भाजपा
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के भारी विरोध को देखते हुए कई राज्यों ने इस फिल्म के प्रदर्शन को प्रतिबंधित कर दिया है। इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने वाले राजस्थान, गुजरात, मप्र, उप्र और बिहार में भाजपा सरकारें हैं, राजपूत समाज जिनका परंपरागत मतदाता रहा है। इस लिए पद्मावती पर प्रतिबंध पूरी तरह राजनीतिक फैसला है।
अगले साल राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी चुनाव होने है। इस लिए भाजपा नहीं चाहती कि इस मुद्दे पर राजपूत समाज विभाजित हो। देश में राजपूत समुदाय मात्र पांच प्रतिशत है। देश के 29 में से 15 राज्य ऐसे हैं जिनमें राजपूत विधायक और सासंद है। इन 15 राज्यों की कुल 500 विधानसभा सीटों पर राजपूत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने फिल्म को लेकर उपजे विवाद में कोई राजनीतिक जोखिम नहीं उठाया।
जहां भाजपा शासित सात राज्यों ने फिल्म 'पद्मावती' नहीं दिखाने का निर्णय लिया है, वहीं कांग्रेस शासित पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी फिल्म को नहीं प्रदर्शित होने की बात कह चुके हैं।  देश के सात प्रमुख राज्यों में राजपूत समुदाय का इतना प्रभाव है कि वहां विधायक सांसद ही नहीं सीएम तक इस समुदाय से बनाए जाते रहे है। केवल पश्चिम बंगाल ही ऐसा राज्य है जिसने खुलकर फिल्म पद्मावती का समर्थन किया है।
संख्या के आधार पर देखे तो उत्तर प्रदेश में राजपूतों की संख्या सबसे ज्यादा है। उत्तर प्रदेश की कुल आबादी में 1.5 करोड़ राजपूत शामिल हैं। राजस्थान में राजपूतों की संख्या 65-70 लाख आंकी गई है। मध्यप्रदेश में राजपूत समुदाय की आबादी 60-65 लाख है। बिहार में राजपूतों की संख्या 50-55 लाख है। गुजरात में राजपूतों की संख्या 40 से 45 लाख है। उत्तराखंड में 35 से 40 लाख राजपूत और हिमाचल में 25 लाख राजपूत रहते है।
गुजरात में 18 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 प्रतिशत राजपूत मतदाता हैं।
राज्य की 20 में से 25 सीटों पर इनका असर है। गुजरात में राजपूत समुदाय से वर्तमान में 18 विधायक हैं। उत्तर प्रदेश में 11 प्रतिशत आबादी राजपूत है। यूपी से 14 राजपूत सांसद है और वर्तमान विधानसभा में इस समुदाय से 78 विधायक हैं।  राजस्थान में राजपूतों की आबादी 8 से 10 प्रतिशत के बीच है। सन 2018 में विधानसभा यहां चुनाव होने है. वर्तमान में राजस्थान में राजपूत समुदाय से करीब 28 विधायक हैं और तीन सासंद इसी समुदाय से संसद में है. एमपी में राजपूतों की संख्या 7 से 8 प्रतिशत के बीच की है। राज्य में तीन सासंद इस समुदाय से है। मध्यप्रदेश के साथ यहां भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। राज्य की करीब 40 से 45 सीटों पर राजपूत समुदाय का प्रभाव है। हमारे देश में पीएम से लेकर सीएम तक राजपूत रहे है। प्रमुख राजपूत नेता विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। यूपी के ही बलिया निवासी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भी राजपूत समाज से हैं। देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल भी राजपूत समुदाय से थीं। देश के पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत भी राजपूत समुदाय से रहे है।
हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह देश में प्रमुख राजपूत नेताओं में से हैं। जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल संह और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी राजपूत समुदाय से हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह भी राजपूत समुदाय से हैं। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला भी इसी समाज से आते हैं।

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