आयुर्वेद सम्मत जीवनशैली का प्रचार-प्रसार आवश्यक : मंत्री चिटनिस | |
महिला-बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने आज एक दिवसीय राष्ट्रीय आयुर्वेद कौशल कार्यशाला का शुभारंभ किया। विश्व आयुर्वेद परिषद द्वारा आर.डी. आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में 'सामान्य स्त्री रोगों का आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति द्वारा निराकरण' विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए चिटनिस ने कहा कि वर्तमान में जीवन पद्धति और आहार-विहार में आये परिवर्तन के परिणामस्वरूप लोगों का स्वास्थ्य के प्रति दृष्टिकोण बदला है। आयुर्वेदिक पद्धतियाँ दैनिक जीवनचर्या और सामान्य खानपान के माध्यम से ही कई रोगों के निदान के उपाय बताती हैं। आयुर्वेद सम्मत समग्र जीवनशैली से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।चिटनिस ने उन्होंने महिला स्वास्थ्य तथा पोषण के संबंध में सामान्य तथा विशेषज्ञतापूर्ण जानकारियाँ सहजता से उपलब्ध कराने के लिये विशेष प्रयास करने की आवश्यकता बताई।कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों ने विभिन्न स्त्री रोगों के आयुर्वेद में उपचार तथा उनकी पद्धतियों पर प्रकाश डाला। प्रमुख सचिव आयुष शिखा दुबे भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं।प्रमुख सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग वीणा घाणेकर ने बताया कि मिट्टी से बनी प्राकृतिक रंगों से सजी यह मूर्तियाँ विर्सजन के दौरान पर्यावरण को क्षति नहीं पहुँचायेंगी। पीओपी से बनी मूर्तियों के विर्सजन से जल भराव की क्षमता निरंतर घटती जा रही है और तालाब, कुंड एवं नदियों का जल प्रदूषित हो रहा है। घाणेकर ने कहा कि माटी कला बोर्ड ने इसी उददेश्य से ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएँ बनाकर विक्रय के लिये उपलब्ध करवाई है। |
Sunday, 20 August 2017
आयुर्वेद सम्मत जीवनशैली का प्रचार-प्रसार आवश्यक : मंत्री चिटनिस
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