देश में लॉकडाउन खुलने के बाद से ही तेजी से
बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार 7वें दिन इजाफा हुआ है। इससे यह इस बात का दावा किया जा रहा है कि
सरकार के पास पेट्रोलियम उत्पादों से राजस्व बढ़ाने के अलावा और कोई चारा नहीं रह
गया है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय
बाजार में जब क्रूड की कीमतें एक दिन में 10 फीसद नीचे जा रही हों, तब घरेलू बाजार में पेट्रोल की खुदरा की कीमत लगातार बढ़ रही है। इसी
कड़ी में शनिवार को एक बार फिर पेट्रोल 59 पैसे और डीजल 58
पैसे महंगा हो गया है।
इसे मिलाकर 7 दिनों में पेट्रोल में 3.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल में 4 रुपए प्रति लीटर का इजाफा किया जा चुका है। यह स्थिति तब है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत अभी 37-38 डॉलर प्रति डॉलर है। इस तरह से देखा जाए तो चार महीने पहले जब क्रूड 60-65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर था तब भी आम जनता को पेट्रोल व डीजल इतना महंगा नहीं खरीदना पड़ता।
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