
सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने अधिकारियों को जय किसान फसल ऋण माफी योजना का समयबद्ध क्रियान्वयन करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि कतिपय कृषकों द्वारा ऋण नहीं लेने के बावजूद उनके नाम से ऋण प्रकरण बनाये जाने जैसे मामलों में दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र में अनियमित कार्य करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। मंत्री डॉ. सिंह ने कहा है कि सहकारी अधिनियम के प्रावधान के अनुरूप कृषकों द्वारा लिये गये ऋण की सूची प्रति वर्ष तहसीलदार को भेजी जाये। कृषक की ऋण पुस्तिका में भी प्रविष्टि की जाये। उन्होंने कहा कि व्यवसायिक बैंकों की तरह सहकारी बैंक द्वारा भी कृषकों के अभिलेखों में ऋण की प्रविष्टि ऑनलाइन की जाये। सहकारिता मंत्री ने होशंगाबाद और हरदा जिलों से प्राप्त शिकायतों की जाँच के निर्देश प्रमुख सचिव को दिये हैं। सहकारिता मंत्री ने वर्ष 2007 में भारत शासन द्वारा ऋण माफी/राहत योजना में सामने आई आर्थिक अनियमितताओं के दोषी कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि होशंगाबाद, हरदा, भिण्ड, पन्ना और सागर जिलों में हुई अनियमितताओं का विस्तृत विवरण उपलब्ध करवाया जाये। योजना में अप्रैल 2007 के पश्चात के ऋण प्रकरणों को ही शामिल किया जाये।
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