
तमाम तरह की आलोचनाएं झेल रही बीजेपी सरकार के बारे में जाने-माने अर्थशास्त्री और नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने एक ऐसा बयान दिया है, जो लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. गुरुवार को अमर्त्य सेन ने कहा कि राम मंदिर को अतीत का असाधारण निर्माण मानने वाले 'सनकी' लोगों की कमी नहीं है अमर्त्य सेन ने कहा कि गौरक्षा जैसे मुद्दों को प्रयोग लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से भटकाने के लिए किया जा रहा है. नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने कई सरकारी संस्थाओं पर सरकार के नियंत्रण को लेकर भी चिंता जताई. न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने राम मंदिर से जुड़े कई मुद्दों पर अपने विचार रखे अमर्त्य सेन ने कहा, 'गौरक्षा, राम मंदिर व सबरीमाला जैसे मुद्दे बेरोज़गारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है. दरअसल आर्थिक प्रगति की दर उच्च ज़रूर रही है, लेकिन इसके बावजूद गरीबों की जिंदगी बेहतर नहीं हो पाई है. आज काफी लोगो में मानव-रक्षा के बजाय गौरक्षा को लेकर दीवानगी देखने को मिल रही है. इसी तरह से काफी लोग आपको राम मंदिर के मुद्दे को लेकर उत्साहित दिखेंगे.' उन्होंने कहा, 'वह राम मंदिर जो कि पता नहीं था भी या नहीं, किसी ने देखा या नहीं देखा. पता नहीं बाद में वहां मस्जिद बनाई गई, जिसे तोड़ दिया गया और इसके बाद राम की कहानी को चारों ओर फैलाकर इसे इतिहास का अंग बना दिया गया. राम मंदिर इतिहास की एक असाधारण संरचना थी. इसीलिए मै कहता हूं कि यह सारी बातें मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है.'
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