सपा से राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने से नाराज नरेश अग्रवाल बीजेपी में शामिल
समाजवादी पार्टी द्वारा राज्यसभा नहीं भेजे जाने से नाराज हुए नरेश अग्रवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में नरेश अग्रवाल ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा पिछले काफी समय से थी. दरअसल, कुछ दिन पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी से सपा का राज्यसभा उम्मीदवार जया बच्चन को बनाने की घोषणा की थी. इसके बाद से नरेश अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी से आंखे तरेर ली और बीजेपी की तरफ उनका रुझान दिखने लगा था.
नरेश अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि जया बच्चन की वजह से उनका राज्यसभा का टिकट कटा है. हालांकि उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की किसी 'शर्त' की खबरों और बीजेपी से राज्यसभा जाने के सवाल को को खारिज कर दिया. दरअसल अग्रवाल को अखिलेश से इस बात की बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि उनका राज्यसभा का टिकट कटेगा. लेकिन टिकट कटने पर उन्होंने सपा की धुर विरोधी पार्टी का दमान थाम लिया. आपको बता दें कि जोड़-तोड़ की राजनीति के माहिर खिलाड़ी नरेश अग्रवाल की पैठ सूबे के सभी राजनीतिक दलों में है. यही वजह है कि अक्सर उनके बारे में पार्टी बदलने की खबर आती रहती है.
समाजवादी पार्टी द्वारा राज्यसभा नहीं भेजे जाने से नाराज हुए नरेश अग्रवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में नरेश अग्रवाल ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा पिछले काफी समय से थी. दरअसल, कुछ दिन पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी से सपा का राज्यसभा उम्मीदवार जया बच्चन को बनाने की घोषणा की थी. इसके बाद से नरेश अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी से आंखे तरेर ली और बीजेपी की तरफ उनका रुझान दिखने लगा था.
नरेश अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि जया बच्चन की वजह से उनका राज्यसभा का टिकट कटा है. हालांकि उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की किसी 'शर्त' की खबरों और बीजेपी से राज्यसभा जाने के सवाल को को खारिज कर दिया. दरअसल अग्रवाल को अखिलेश से इस बात की बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि उनका राज्यसभा का टिकट कटेगा. लेकिन टिकट कटने पर उन्होंने सपा की धुर विरोधी पार्टी का दमान थाम लिया. आपको बता दें कि जोड़-तोड़ की राजनीति के माहिर खिलाड़ी नरेश अग्रवाल की पैठ सूबे के सभी राजनीतिक दलों में है. यही वजह है कि अक्सर उनके बारे में पार्टी बदलने की खबर आती रहती है.
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