कांग्रेस सोशल मीडिया नाम का हथियार चुनाव में चलाना
सीखने लगी है
राहुल गांधी कर्नाटक में श्रंगेरी मंदिर से
चुनाव प्रचार का आगाज करने वाले हैं. ये धार्मिक तौर पर महत्वपूर्ण स्थान है.
कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक भी है. इमरजेंसी के बाद चिकमंगलूर सीट से इंदिरा गांधी
की लोकसभा में वापसी हुई थी. इससे पहले कर्नाटक में मीडिया मे पार्टी की पहुंच
बनाने के लिए प्रियंका चतुर्वेदी और राधिका खेड़ा को दिल्ली से भेजा गया है. ये
टीम वहां पर नए टैलेंट की पहचान कर रही है.
ये लोग टीवी पर जाने से लेकर सोशल मीडिया में
पार्टी के एजेंडे को मजबूती से रखने वाले लोगों की तलाश कर रहे हैं. जिसके लिए
लोगों का इंटरव्यू लिया जा रहा है. हालांकि पार्टी की सोशल मीडिया टीम की चेयरमैन
दिव्या स्पंदना भी कर्नाटक से हैं. दिव्या स्पंदना कर्नाटक से लोकसभा सदस्य भी रह
चुकी हैं. कांग्रेस ने 2014 तक सरकार में होने के बाद भी सोशल
मीडिया पर ध्यान नहीं दिया. जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा लेकिन अब
कांग्रेस को समझ में आ गया है कि सोशल मीडिया मैनेजमेंट पार्टी के लिए जरूरी है,
क्योंकि
युवा वर्ग में ज्यादातर लोग स्मार्ट मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिससे
कांग्रेस की बात पहुंचाना आसान हो गया है.
कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम की चेयरमैन दिव्या
स्पंदना ने दावा किया है कि सोशल मीडिया में कांग्रेस बीजेपी पर भारी पड़ रही है.
दिव्या का कहना है कि कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर काम भले देर से शुरू किया हो
लेकिन अब बीजेपी से आगे है. नरेंद्र मोदी के मुकाबले राहुल गांधी की लोकप्रियता
बढ़ रही है.
इसके पीछे का तर्क है कि बहरीन में राहुल गांधी
के भाषण को 5.5 लाख लोगों ने सोशल मीडिया पर लाइव देखा जबकि
अगले दिन प्रवासी भारतीय सांसदों की बैठक में पीएम की स्पीच को 4.77 लाख
लोगों ने देखा है. दिव्या का कहना है कि ट्विटर पर राहुल गांधी को 58 लाख
लोग फॉलो कर रहे है.
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