IAS फारूखी बोली मैंने अद्वैतवाद को पढ़ा है
हर की रहने वालीं सूफिया फारूखी 2009
बैच की आईएएस अफसर हैं। वे वर्तमान में मंडला कलेक्टर के तौर पर पोस्टेड हैं।
मंगलवार को एकात्म यात्रा के दौरान आदि शंकराचार्य की चरण पादुकाएं सिर पर रखकर
सुर्खियों में हैं। उन्होंने भास्कर से बातचीत में कहा कि कार्यक्रम निजी नहीं
बल्कि एक सरकारी आयोजन था इसलिए मैंने चरण पादुकाएं उठाई थीं। मैं शंकराचार्य के
दर्शन को काफी गहराई से जानती हूं। वे निरंकार शिव की बात करते हैं। यही सर्वधर्म
समभाव है। वैसे भी कई जिलों में कलेक्टर मठ और मंदिरों के प्रमुख हैं। इस नाते भी
धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होना मेरी ड्यूटी का ही हिस्सा है।
आपने चरण पादुकाएं क्यों उठाईं?
- यह एक सामान्य प्रक्रिया थी। एक कलेक्टर होने
के नाते सामाजिक समरसता के लिए कोशिश करना हमारा कर्तव्य है। मैं हिंदू ही नहीं
सिख, मुस्लिम और ईसाई समुदाय के कार्यक्रमों में भी शामिल होती हूं।
छुआछूत खत्म करने के लिए मैंने सामाजिक समरसता कार्यक्रम में भी भोजन किया है।
क्या एक कलेक्टर होने के नाते आपका यह करना
उचित था?
- यह निजी नहीं, बल्कि एक सरकारी
कार्यक्रम था। कलेक्टर होने के नाते मुझे ही इस कार्यक्रम की अगुवाई करनी थी। कई
जगह कलेक्टर ही मठ और मंदिर के प्रमुख होते हैं। यह मेरी ड्यूटी का हिस्सा है।
अगर इस मामले में धार्मिक कट्टरपंथी आपके खिलाफ
फतवा जारी कर दें तो?
- वह जब जारी होगा तो उसका भी सामना किया जाएगा।
वैसे मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। वही किया जो मुझे करना चाहिए था।
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