इंस्टैंट तीन तलाक: लोकसभा में बिल पेश,
कांग्रेस
ने कहा- हम साथ लेकिन बिल में हैं कमियां
इंस्टैंट ट्रिपल तलाक पर केंद्र सरकार ने आज
सदन में कानून पेश किया। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि आज का
दिन ऐतिहासिक है। महिलाओं के हक के लिए प्रतिबद्ध सरकार उनके लिए यह विधेयक पेश कर
रही है। हालांकि सरकार के इस बिल का राष्ट्रीय जनता दल, बीजू जनता दल
समेत कई अन्य दलों ने विरोध किया। वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार का साथ
दिया है। सदन में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस बिल में कुछ कमियां
हैं। इस बिल में किसी समूह की सलाह नहीं ली गई। इसे स्टैंडिंग कमेटी में भेजा जा
सकता है।
वहीं कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि जब
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, तो पार्टी ने इसका स्वागत किया था।
हालांकि बिल छोटा है और इसमें कमिया हैं। यह ऐतिहासिक बिल है और हम इसके साथ हैं
लेकिन जो कमियां हैं उसे दूर किया जाए। इस बिल के अनुसार तलाक एक आपराध हो जाएगा
जो सिविल मामला है। सुष्मिता देव ने भी
इस बात पर जोर दिया की बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया जाए। उन्होंने कहा
कि दो गुटों में दुश्मनी बढ़ाना, दंगा कराना, इन मामलों में
तीन साल की जेल होती है। लेकिन तलाक देने पर भी 3 साल की जेल होगी
क्या ये सही है? उन्होंने कहा कि सरकार शादी के बाद को लेकर
कानून बनाने पर तैयार नहीं है, लेकिन इस बिल को महिला सशक्तिकरण के
लिए महत्वपूर्ण बता रहे हैं। आखिर पुरुष के जेल जाने के बाद कौन खर्च देगा?

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