Friday, 29 December 2017

मुस्लिम महिलाएं चाहती है कि बहुविवाह भी बन हो

मुस्लिम महिलाएं चाहती है कि बहुविवाह भी बन हो


तीन तलाक पर लोकसभा में विधेयक पारित होने के एक दिन बाद कई मुस्लिम महिलाओं ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। इसी बीच मुस्लिम महिलाओं के बीच से एक ही और मांग उठने लगी है। मुस्लिम महिलाएं चाहती हैं कि मुस्लिम समाज में प्रचलित बहुविवाह की प्रथा पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यह भी एक ऐसी प्रथा है, जो लैंगिक असमानता को प्रोत्साहन देती है। मुस्किलम महिलाओं का कहना है कि मुस्लिम समाज में तीन तलाक के साथ-साथ बहुविवाह को भी प्रतिबंधित किए जाने की जरूरत है। यह तीन तलाक से भी कहीं ज्यादा बदतर है। तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में चली लड़ाई से जुड़ी रहीं वकील फराह फैज, रिजवाना और रजिया को इस बात की तसल्ली है कि मौजूदा केंद्र सरकार ने कम से कम एक शुरूआत तो कर ही दी है।
उन्होंने दावा किया कि 1985 में शाह बानो मामले में भी ऐसा ही मौका आया था, लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार ने उस मौके को गंवा दिया। फैज ने कहा एक नई शुरूआत हुई है जिससे निकाह हलाला की अनैतिक प्रथा से मुस्लिम महिलाओं को संरक्षण मिलेगा। रिजवाना और रजिया ने भी फैज के इस बयान से सहमति जताई। निकाह हलाला’ ऐसी प्रथा है जिसका मकसद तलाक के मामलों में कटौती करना है। इसके तहत, कोई पुरुष अपनी पूर्व पत्नी से फिर से शादी तभी कर सकता है जब वह महिला किसी और व्यक्ति से शादी करे, उससे शारीरिक संबंध बनाए और फिर तलाक ले। इसके बाद ‘इद्दत’ कही जाने वाली अलगाव की अवधि बिताए और फिर अपने पूर्व पति के पास जाए। रिजवाना और रजिया की राय है कि सरकार को तीन तलाक वाले विधेयक के जरिए ही बहुविवाह को प्रतिबंधित कर देना चाहिए था।
बहुविवाह की पीड़िता 33 साल की रिजवाना ने कहा मैं इस कदम का स्वागत करती हूं, लेकिन अब पुरुष इस कदम का अनुचित फायदा उठाएंगे और खुलेआम बहुविवाह करेंगे, क्योंकि यह तो अब भी चलन में है। बहुविवाह का चलन जारी रहने से तीन तलाक के उन्मूलन मात्र से हमें कोई फायदा नहीं होने वाला। रजिया (24) ने विधेयक की सराहना करते हुए उम्मीद जताई इससे उन जैसी लाखों महिलाओं को इंसाफ मिलेगा। रजिया के पति ने बेटियों को जन्म देने पर उन्हें फोन पर ही तलाक दे दिया था। 16 साल की उम्र में ही ब्याह दी गईं रजिया ने कहा मुझे मेरे पति ने फोन पर ही तीन तलाक बोल दिया, क्योंकि वह हमारी दो बेटियों को पालना नहीं चाहता था। तीन तलाक एक अपराध है और इससे कई जिंदगियां तबाह हुई हैं। मैं उम्मीद करती हूं कि मेरे जैसी सभी महिलाओं को इस नए कानून से इंसाफ मिलेगा। बहरहाल, मैं यह भी चाहती हूं कि बहुविवाह पर भी पाबंदी लगे। ऑल इंडिया मुस्लिम विमन पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील चंद्रा राजन ने भी विधेयक की तारीफ की और कहा कि यह इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।

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