5 दिनों में 60 बच्चों की मौत गोरखपुर बना शमशान
इस शर्मनाक हादसे के बाद सत्ता पक्ष अपना तर्क रख रही है तो विपक्ष बयानबाजी से अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने में जुट गई है. आम आदमी का जीवन नरक हो गया है प्रशासन जिम्मेदारी नहीं लेता राजनेता नोटंकी करने में मस्त है
ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के लिए 63 लाख रुपए इतनी बड़ी रकम थी कि वह सप्लाई बंद करने जैसा फैसला ले लिया क्या मज़बूरी थी क्या इसके पीछे कोई अर्थिक भ्रष्टाचार हो सकता है ?

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