मुख्यमंत्री राजनांदगांव जिले के गंडई में
आयोजित चिल्हीडार महापर्व एवं बेटा जौतिया महाव्रत समारोह में गंडई को तहसील बनाने
की घोषणा की। समारोह में छत्तीसगढ़ के साथ अन्य पड़ोसी राज्यों के गोंड़ आदिवासी
सगा-समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गोंड़ आदिवासी समाज की
सभ्यता-संस्कृति प्राचीन है। गोंड़ समाज की संस्कृति और धर्म की रक्षा की खातिर अनेक
कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि बेटा जौतिया महाव्रत में महिलाएं
अपने बेटों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए निर्जला उपवास रखती है। मुख्यमंत्री ने कहा
कि आदरणीय गुरूदेव दुर्गेभगत तथा गुरूमाता दुलेश्वरी के आशीर्वाद से हर साल गंडई
में महाव्रत समारोह आयोजित किया जाता है। बघेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में
महिलाओं का स्थान हमेशा ऊंचा रहा है। जिस समाज और जाति में नारी शक्ति का सम्मान
नहीं होता उस समाज का पतन निश्चित है। पौराणिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। बघेल
ने कहा कि आदिवासी समाज महिला-पुरूष में भेद नहीं करता। जनगणना के आंकड़ों से यह
बात साबित होती है। आदिवासी समाजों में महिलाओं की संख्या पुरूषों से ज्यादा होती
है। कई समाजों में पुरूषों के बराबर होती है लेकिन किसी भी आदिवासी समाज में
महिलाओं की संख्या पुरूषों से कम नहीं होती। बघेल ने कहा कि आदिवासी समाज के लोग
बेटियों के प्रति समानता का भाव रखते है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आदिवासी समाज सहित पूरे छत्तीसगढ़
के किसानों और खेतिहर मजदूरों के हित में अनेक निर्णय लिए है। उन्होंने कहा कि किसानों
के हित में अगले सालों में भी धान 2500 रूपए प्रति
क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। आज जंगल आदिवासी समाज के कारण बचे है। वनोपजों पर
आदिवासियों का हक पहले बनता है। प्रदेश सरकार ने वनवासी परिवारों की भलाई के लिए
वन अधिकार पट्टों के आवेदनों का फिर से परीक्षण कराने का निर्णय लिया है। जाति
प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल करते हुए बच्चों के जन्म के समय ही जाति
प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। शर्त यह है कि बच्चे के जन्म के समय उनके पिता का
जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए।
बघेल
ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आदिवासियों की कला-संस्कृति को संरक्षण और बढ़ावा देने
के उद्देश्य से आगामी दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह में राजधानी रायपुर में दो
दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी लोककला महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसमें
देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी समाज के कलाकारों द्वारा गीत-नृत्य के
कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में
बच्चों में कुपोषण एक बहुत बड़ी समस्या है। बच्चों को
कुपोषण मुक्त बनाने तथा 14 से 49 वर्ष की
एनीमिया पीडि़त महिलाओं के लिए गांधी जयंती 2 अक्टूबर
से सुपोषित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के
लोगों के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल के लिए मुख्यमंत्री हॉट बाजार क्लीनिक योजना भी शुरू की गई है।
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