Tuesday 6 February 2018

कांग्रेस ने सरकार राफेल डील को लेकर पर केन्‍द्र सरकार पर की सवालों की बौछार


कांग्रेस ने सरकार राफेल डील को लेकर पर केन्‍द्र सरकार पर की सवालों की बौछार


फ्रांस से राफेल फाइटल जेट की डील पर कांग्रेस बार बार मोदी सरकार से सवाल कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर पूछा है कि ये डील कितने में फाइनल हुई. राहुल ने कई सवाल पूछे हैं. रक्षा मंत्री का जवाब भी आया है लेकिन कांग्रेस का हमला नहीं रुका है.
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार इसलिए राफेल डील पर जवाब नहीं दे पा रही है क्योंकि जो सौदा य़ूपीए के समय सस्ते में हुआ था वो अब तीन गुना ज्यादा रकम में हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राफेल डील को लेकर सरकार पर सवालों की बौछार कर दी है.
रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी और सरकार से पूछे ये सवाल?
क्या मोदी सरकार बताएगी कि 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद कीमत क्या है? प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री लड़ाकू जहाजों की खरीद कीमत बताने से क्यों बच रहे हैं?
राफेल सौदा: राहुल गांधी का हमला, कहा- पीएम ने पर्सनली बदली डील, कुछ तो घपला है?
क्या ये सही है कि यूपीए द्वारा खरीदे जाने वाले एक जहाज की कीमत 526.1 करोड़ रुपये आती, जबकि मोदी सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले एक जहाज की कीमत 1570.8 करोड़ आएगी? अगर ये सही है, तो राजस्व को हुई हानि का कौन जिम्मेदार है?
क्या ये सही है कि डसॉल्ट ने नवंबर 2017 में 12 राफेल लड़ाकू जहाज एक अन्य देश कतर को प्रति जहाज 694.80 करोड़ में बेचे हैं? क्या कारण है कि कतर को बेचे जाने वाले राफेल लड़ाकू जहाज की कीमत भारत को बेचे जाने वाले लड़ाकू जहाज से 100% कम है?
प्रधानमंत्री ने फ्रांस में निर्मित 36 रफैल लड़ाकू जहाजों को खरीदने का एकछत्र निर्णय कैसे लिया, जबकि डिफेंस प्राक्योरमेंट प्रोसीज़र के अनुरूप यह संभव नहीं?
क्या यह सही है कि 36 राफेल विमानों की खरीद करने की घोषणा के दिन यानि 10 अप्रैल, 2015 को न तो कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटीकी मंजूरी ली गई थी और न ही अनिवार्य डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीज़र, 2013’ की अनुपालना की गई थी?
जब भारत सरकार की कॉन्ट्रैक्ट नेगोसिएशन कमेटीप्राईस नेगोसिएशन कमेटीद्वारा इस खरीद की अनुमति नहीं थी, तो प्रधानमंत्री 10 अप्रैल, 2015 को ऐसा एकछत्र निर्णय कैसे ले सकते थे?

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