मकर संक्रांति आज सूर्यास्त के बाद
रविवार को सूर्यास्त के बाद सूर्य मकर राशि में
प्रवेश करेगा। इसी के साथ मकर संक्रांति का पर्व शुरू हो जाएगा, जो
सोमवार तक चलेगा। पर्व मनाने के लिए घरों-मठों में तैयारियां कर ली गईं हैं। लोग
आज पुण्य की डुबकी लगाने के बाद तिल के लड्डू, खिचड़ी आदि का
दान करेंगे। इस दौरान पतंगबाजी भी जमकर होगी। इसी के साथ खरमास भी खत्म हो जाएगा,
लेकिन
शुक्र 4 फरवरी को उदय होगा, लिहाजा तभी मांगलिक कार्य शुरू हो
सकेंगे।
ज्योतिषयों का कहना है कि सूर्य मकर राशि में
रविवार की रात 7:39 बजे प्रवेश करेगा। संक्रांति का पुण्य काल
सोमवार दोपहर 12 बजे तक रहेगा। मकर संक्रांति का स्नान पूरे
दिन होगा। इस दौरान लोग संगम समेत गंगा के विभिन्न तटों पर स्नान कर सूर्य को
अर्घ्य देंगे। गंगा पूजन करेंगे। पितरों के निमित्त यथा शक्ति तीर्थपुरोहितों को
दान भी करेंगे। इस दिन खिचड़ी का दान करके खिचड़ी खाई जाएगी। मकर संक्रांति पर्व
मनाने के लिए घरों में भी तैयारियां की गईं हैं। दान करने के लिए चावल और उड़द की
दाल को मिलाकर खिचड़ी तैयार की गई। घर बड़ी बुजुर्ग की देखरेख में तिल के लड्डू
बनाए गए। दान करने का सामान एकत्र किया गया। आचार्य अविनाश राय के अनुसार सूर्य के
मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा, लेकिन शुक्र
अस्त होने के कारण मांगलिक कार्य आरंभ नहीं होंगे। शुक्र उदय चार फरवरी को होगा।
मकर संक्रांति पर्व पर गंगा स्नान के बाद उड़द,
चावल,
तिल
आदि के दान का महात्म्य है। आचार्य रामचंद्र शुक्ला के अनुसार शनि की कृपा के लिए
ही काला तिल, उड़द की दाल का दान किया जाता है। मान्यता है
कि जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्र और खिचड़ी खिलाने से बाधाएं दूर होती हैं। त्रिवेणी
बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर से श्रद्धालुओं को खिचड़ी का प्रसाद बांटा जाएगा।
महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक यह क्रम शाम तक जारी रहेगा। माघ मेला क्षेत्र के
दंडीबाड़ा, आचार्यबाड़ा, काली सड़क,
त्रिवेणी
मार्ग, महावीर मार्ग, खाक चौक आदि के संतों के शिविरों में खिचड़ी
प्रसाद बंटेगा।
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