कन्फर्म टिकट के बाद टीसी ने नहीं दी वर्थ,
उल्टा
वसूला जुर्माना नर्मदा एक्सप्रेस का मामला, परेशान हुई
छात्रायें
कन्फर्म
रेल टिकट के बाद भी दो छात्राओं के रेलवे टीसी ने अपनी मनमानी चलाते हुए ना सिर्फ
उन्हें बेटिकट कर दिया वही जुर्माना भी वसूला ऐसे ही एक मामले में करेली के रेलवे
स्टेशन के बुकिंग कार्यालय से बनी टिकट को टीसी ने रिजेक्ट कर दिया इससे दो छात्राएं
यात्रा के दौरान अनावश्यक रुप से परेशान हुईं व उन्हें मानसिक वेदना का सामना करना
पड़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के महेंद्र वार्ड में रहने वाले मोहम्मद सफीक
हनफी की पुत्री निशात अंजुम और राम वार्ड में रहने वाले अनिल आचार्य की पुत्री सजल
आचार्य जो दोनों इंदौर में नीट की कोचिंग कर रही हैं। दीपावली पर्व का अवकाश होने
के कारण अपने गृहनगर करेली के लिए दिनांक 14 अक्टूबर 2017
को
इंदौर से करेली आ रही थी। इस यात्रा की स्लीपर क्लास की कंफर्म रिजर्वेशन टिकट
करेली रेलवे स्टेशन के आरक्षण केंद्र से 2 माह पूर्व 12 अगस्त 2017
को
शफीक हनफी ने आरक्षित कराई थी। जिसका गाड़ी नंबर 18233 नर्मदा
एक्सप्रेस का था और टिकट का पीएनआर नंबर 866-2109053 था जो नर्मदा
एक्सप्रेस के एस 4 कोच में वर्थ क्रमांक 17 एवं 18 का
कन्फर्म टिकट था। टिकिट के आधार पर 14 अक्टूबर को दोनों छात्राएं इंदौर से
यात्रा के लिए नर्मदा एक्सप्रेस के कोच नंबर एस 4 में अपनी बर्थ 17
व 18
पर
पहुंची। कुछ देर बाद कोच में टीसी आये और टिकट चेक करते हुए दोनों छात्राओं से
कहने लगे यह बर्थ अन्य किसी के नाम से आरक्षित हैं और दोनों छात्राओं के द्वारा
लाख निवेदन किए जाने के बावजूद दोनों छात्राओं को उनकी बर्थ से बेदखल करते हुए
टीसी महोदय ने दोनों को विदाउट टिकट यात्रा करने के जुर्म में डराते धमकाते हुए
उनकी जुर्माना टिकट बना दी। जिसका क्रमांक बी 0716461 है जिसमें दोनों
छात्राओं से 1070 रुपए की मांग की गई। चूंकि दोनों छात्राओं के
पास इतनी राशि नगद में नहीं थी तो रास्ते में पड़ने वाले रेलवे स्टेशन उज्जैन मैं
दोनों छात्रों द्वारा एटीएम से उक्त राशि निकालकर टीसी को दी गई । इस सारे वाकये
के दौरान ना तो इन दोनों छात्राओं को टीसी द्वारा बैठने के लिए जगह दी गई बल्कि
मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया। मामले को लेकर दोनों छात्राओं के अभिभावकों
ने रेलवे परेशासन एवं रेलवे पुलिस को लिखित शिकायत की है व मामले की जांच कराया जा
कर दोषी कर्मचारियों को दंडित किए जाने एवं क्षतिपूर्ति राशि दिए जाने की मांग की
है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.