धुर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में
स्वच्छता मिशन में अधिकारियों पर लूट-खसोट के आरोप लगने लगे हैं। अबूझमाड़ के जिन
गांवों में साइकिल और बाइक भी नहीं जा सकती, वहां के
ग्रामीणों के उपयोग के लिए नौ करोड़ के मोबाइल बायो शौचालयों को खरीदा गया है।
लेकिन इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। दरअसल, इसके पीछे कमीशन
का बड़ा खेल होने की बात कही जा रही है। उपयोग नहीं होने से ये बायो शौचालय बदहाल
होते जा रहे हैं। किसी का टायर पंचर हो रहा है तो किसी के पार्ट्स गायब हो रहे
हैं।
एक यूनिट बायो शौचालय छह लाख 13
हजार 600 रुपये में खरीदा गया है। इन्हें अबूझमाड़ की 34 पंचायतों के 143
स्थानों में रखा जाएगा। तीस सदस्यों के लिए एक मोबाइल यूनिट प्रदान किया जाना है।
मार्च के पहले पखवाड़े में जिला मुख्यालय पहुंचे शौचालय जिला पंचायत परिसर के आसपास
रखे हैं। तीन माह बाद भी अफसर इन्हें ग्राम पंचायतों तक नहीं भेज पाए हैं। पंचायत
सचिव भी बड़ा घपला होने की बात कहते हुए इस मुसीबत को गांव ले जाना नहीं चाह रहे है,
जबकि
जिला पंचायत से इसके लिए पत्र जारी हो चुका है। ओडीएफ ग्राम घोषित करने के फेर में
जिले में करीब 16 करोड़ रुपये की बंदरबांट होने की चर्चा गर्म
है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.