रायपुर। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च
(आइसीएमआर) के निर्देशन में देश भर के चिकित्सा संस्थानों में कोवल्सेंट प्लाज्मा
थैरेपी का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रह है। एम्स रायपुर भी इस ट्रायल का हिस्सा
बनने जा रहा है। ट्रायल सफल रहा और मानक संस्थाओं ने इसे मंजूरी प्रदान की तो
कोरोना के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी की मदद से ठीक किया जा सकेगा।
रिसर्च प्रोटोकॉल के अनुसार इस ट्रायल में उन
रोगियों को शामिल किया जाएगा जो 18 से अधिक आयु के हैं और जिनके रक्त से
संबंधित डोनर का प्लाज्मा उपलब्ध है। इसमें गर्भवती, स्तनपान करवा
रही महिलाओं और किसी अन्य ट्रायल से संबंधित रोगियों को शामिल नहीं किया जाएगा।
बता दें कि एम्स में वर्तमान में कोविड-19 के मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
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