भूपेश बघेल कैबिनेट में फेरबदल की
अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। 90 सदस्यीय विधानसभा होने के कारण 13 से
ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते। इस वजह से चर्चा चेहरे बदलने की हो रही है।
इसमें राज्य के तीन संभागों से एक-एक मंत्रियों की छुट्टी होने बात कही जा रही है।
मंत्रियों की छुट्टी कामकाज के आधार पर करने की तैयारी है।
राज्य में कांग्रेस की सरकार बने करीब 18
महीने हो गए हैं। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने मंत्रिमंडल के गठन के समय ही
स्पष्ट किया था, कि मंत्रियों के कामों की हर साल समीक्षा होगी।
उन्होंने कहा था कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी चाहते हैं कि मंत्रियों
के कामों की समीक्षा कर मंत्रिमंडल में बदलाव किया जाए।
यह समीक्षा लगातार होनी चाहिए। पुनिया ने कहा
था कि हर मंत्री को कम से कम एक साल काम करने के लिए जरूर मिलेगा। इस आधार पर इन 18
महीनों
में विधानसभा में सदन के अंदर से लेकर बाहर तक मंत्रियों के प्रदर्शन की लगातार
समीक्षा की गई है। राज्य कैबिनेट में रायपुर और बस्तर संभाग का प्रतिनिधित्व करने
वाले महज एक-एक मंत्री हैं। वहीं, बिलासपुर संभाग से दो और सरगुजा संभाग
से तीन मंत्री हैं। सबसे ज्यादा छह मंत्री अकेले दुर्ग संभाग के हैं।
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