दोरनापाल। लॉकडाउन में मनरेगा नक्सल प्रभावित
सुकमा जिले के मजदूरों के लिए संजीवनी बनी हुई है। लॉकडाउन के बीच राज्य सरकार
द्वारा ग्रामीणों को रोजगार दिलाने, प्राकृतिक संसाधनों का्र प्रबंधन्र
करने और आर्थिक रूप से समर्थ बनाने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध
कराया जा रहा है। जिले के तीन विकासखंडों के 153 में से 137
ग्राम पंचायतों में 530 कार्य प्रगति पर है, जिसमें 16
हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। यह कार्य निर्धारित शारीरिक दूरी और
सुरक्षा के निर्देशों का पालन करते हुए किया जा रहा है।
सुकमा जैसे संवेदनशील व बीहड़ क्षेत्र में
लॉकडाउन के दौरान ग्राम पंचायतों में आजीविका के साधन अत्यंत सीमित हो गये हैं
लोगों के जेहन में जहां रोजी-रोटी व परिवार के भविष्य की चिंताएं घर करने लगी थी।
वहां मनरेगा योजना के तहत विभिन्न निर्माण कार्य प्रारंभ होने से गांव के लोगों की
चिंताएं दूर हो रहीं है। जिले में लॉकडाउन के दौरान शासन-प्रशासन द्वारा सभी निजी
श्रमिक कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं सामाजिक-अंतराल रखते हुये मनरेगा
कार्यों को अनुमति दिया गया है।
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