चीन में दिसंबर 2019 में पहली बार
जिस कोरोना वायरस के बारे में पता चला था, वह अब तक 10 बार म्यूटेटेड
हो चुका है। सीधी भाषा में कहें तो वह 10 अलग-अलग रूप में बदल चुका है। इसमें
से एक A2a है, जिसने वायरस के सभी रूपों को पीछे छोड़ते हुए
बड़े भू-भाग पर अपना प्रभुत्व जमा लिया है। एक भारतीय इंस्टीट्यूट ने वैश्विक
अध्ययन के बाद यह जानकारी दी है।
पश्चिम बंगाल के कल्याणी में नेशनल इंस्टीट्यूट
ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स के निधि बिस्वास और पार्थ मजूमदार ने यह अध्ययन किया है।
इसे जल्द ही इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया जाएगा, जो
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा प्रकाशित एक मेडिकल जर्नल है। A2a
म्यूटेशन
के साथ नोवेल कोरोना वायरस बड़ी संख्या में मानव फेफड़ों की कोशिकाओं में प्रवेश
करने में अत्यधिक कुशल है।
पिछले SARS-CoV जिसने 10
साल पहले 800 लोगों की जान ले ली थी और 8,000 से
ज्यादा लोगों को संक्रमित किया था। वह भी फेफड़ों में प्रवेश करने में माहिर था,
लेकिन
उतना नहीं जितना A2a है। शोध के लेखकों ने लिखा- यह ट्रांसमिशन में
कुशल है और इसके परिणामस्वरूप, Covid-19 सभी क्षेत्रों में अत्यधिक प्रचलित हो
गया। अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वैक्सीन निर्माताओं को एक विशिष्ट लक्ष्य
देता है, जिससे इसका इलाज हो सकता है।
यह कुछ क्षेत्रों में अन्य प्रकार के कोरोना
वायरस के साथ A2a प्रकार की उपस्थिति भी निर्धारित करेगा। अध्ययन
यह निर्धारित करने में सहायता करेगा कि सह-अस्तित्व क्षेत्र की जातीय-रचनाओं या
यात्रा पैटर्न के कारण है या नहीं। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस चीन और शेष
दुनिया में फैलने के दौरान नए रूप और प्रकार में विकसित हुआ है। वायरस को O,
A2, A2a, A3, B, B1 और कई अन्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता
है। वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस के 11 प्रकारों की पहचान की गई है, जिसमें
प्रकार O प्रकार भी शामिल हैं और यह मूल प्रकार है, जिसकी उत्पत्ति
वुहान में हुई थी।
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