रायपुर ! मुख्यमंत्री लॉकडाउन
के दौरान प्रदेश में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गाें सहित
सभी जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रख रहे हैं। इसके लिए
महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडि़या के मार्गदर्शन में समुचित
प्रबंध किए जा रहे हैं।
आंगनबाडि़यों के बंद होने से महिलाओं को पूरक
पोषण आहार एवं बच्चों के लिए आहार (सूखा राशन) देने की व्यवस्था आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के माध्यम से की गई है। कुपोषित महिलाओं एवं बच्चों को
भी सूखा पोषण आहार घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा पंेशनधारियों
का ध्यान रखते हुए मार्च माह तक की राशि हितग्राहियों के खाते में डाल दी गई है,
अग्रिम
3 माह की पेंशन डालने की व्यवस्था की जा रही है। हितग्राहियों को
केन्द्रीय गरीब कल्याण योजना के तहत राहत पैकेज देने की भी व्यवस्था पूरी कर ली गई
है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गर्म भोजन की
वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्रदेश के 3.34 लाख चिन्हांकित हितग्राहियों को
लॉकडाउन अवधि का सूखा राशन और 24.3 लाख हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार का
वितरण किया गया है। इनमें 2.22 लाख गर्भवती, 2.36 लाख
शिशुवती महिलाएं और 15 हजार किशोरी बालिकाएं भी शामिल है। लॉकडाउन में
22 हजार 500 जरूरतमंद लोगों के भोजन की व्यवस्था समाज
कल्याण विभाग द्वारा की गई है। विभाग की कोशिश है कि कोई भी महिला, दिव्यांग,
वृद्धजन
एवं आम जरूरतमंद लोग भूखे न रहंे। वृद्धाश्रम एवं बालगृह में भी कोरोना महामारी के
संक्रमण से बचाव के लिए उचित साफ-सफाई एवं जरूरी सावधानियों को ध्यान में रखा जा
रहा है। बच्चों एवं बुजुर्गाें की स्वास्थ्य जांच सहित उनके उचित खान-पान की
व्यवस्था की गई है। शासकीय एवं अशासकीय दिव्यांग कल्याण संस्थाओं में अध्ययनरत
बच्चों की पढ़ाई का लॉकडाउन के दौरान नुकसान न हो इसे ध्यान में रखते हुए दिव्यांग
तथा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को ऑनलाइन पढ़ाई करायी जा रही है।
संस्थाओं को समय-समय पर सेनिटाईज भी किया जा रहा है।
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