Wednesday 8 April 2020

गरीबी के गर्त में 40 करोड़ लोगों के जाने के खतरा

नई दिल्ली ! कोरोनावायरस संकट और उससे निपटने के लिए जारी लॉकडाउन के कारण भारत में असंगठित(इनफॉर्मल) क्षेत्र में काम करने वाले 40 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की आशंका है।


इससे उनकी नौकरियों और कमाई पर असर पड़ सकता है जिससे वे गरीबी चक्र में फंस सकते हैं।
तैयार नहीं है भारत!
आईएलओ के अनुसार भारत उन देशों में से एक है जो स्थिति से निपटने को लेकर कम तैयार हैं। जिनीवा में जारी आईएलओ की रिपोर्ट के अनुसार, ‘कोरोनावायरस के कारण असंगठित क्षेत्र में काम करनेवाले करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। भारत, नाइजीरिया और ब्राजील में लॉकडाउन के कारण अंसगठित क्षेत्र में काम करनेवाले कामगारों पर ज्यादा असर पड़ा है।रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत में करीब 90 फीसदी लोग इनफॉर्मल सेक्टर में काम करते हैं। ऐसे में करीब 40 करोड़ कामगारों के रोजगार और कमाई प्रभावित होने की आशंका है। इससे वे गरीबी के दुष्चक्र में फंसते चले जाएंगे।
कामकाजी घंटों पर बुरा असर
पोर्ट में कहा गया है, ‘भारत में मौजूदा लॉकडाउन का इन कामगारों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। कामकाज बंद होने से उनमें से कई अपने गांवों को लौट गए हैं।आईएलओ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस महामारी से कामकाजी घंटों और कमाई पर प्रभाव पड़ा है। आईएलओ की रिपोर्ट में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों के बारे में बताया गया है और संकट से पार पाने के लिए नीतिगत उपायों का सुझाव दिया गया है।
19.5 करोड़ फुल टाइम जॉब्स होंगे खत्म!
संगठन के मुताबिक, संकट के कारण 2020 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में 6.7 फीसदी कामकाजी घंटे खत्म होने की आशंका है। यानी कोरोनावायरस महामारी के कारण केवल दूसरी तिमाही में ही 19.5 करोड़ फुल टाइम जॉब्स खत्म हो सकती है।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.