नई दिल्ली ! प्रवासी आबादी
के पलायन के बीच पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार (30
मार्च) को केंद्र द्वारा घोषित वित्तीय सहायता पैकेज को दयनीय बताते हुए सरकार की
जमकर आलोचना की। कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच देश की
सियासत अब बेहद गर्म हो गई है। कांग्रेस ने लॉकडाउन की खामियों को लेकर केंद्र की
मोदी सरकार को आड़े हाथ लेना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं के
साथ केंद्र व भाजपा शासित राज्यों में मोर्चा खोल दिया है।
केंद्र ने देशव्यापी लॉकडाउन के कारण प्रभावित
लोगों को सहायता के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की
है। चिदंबरम ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “वित्तमंत्री
की एफएपी कंजूसी से भरपूर व अपर्याप्त है। इसने वास्तव में कई लोगों को अपने गांव
वापस जाने के लिए मजबूर किया है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मांग की है
कि सरकार को बड़ी वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। चिदंबरम ने ट्वीट किया,
“मैं
सरकार से आज या कल एक साहसिक एफएपी की घोषणा करने का आग्रह करता हूं।”
कांग्रेस नेता
ने कहा कि सरकार द्वारा पहले से कोई योजना नहीं बनाए जाने के कारण लोग पलायन के
लिए विवश हुए हैं। महज चार घंटे के नोटिस में लॉकडाउन की घोषणा करना बड़ा “दुखद”
है।
उन्होंने कहा, “अब यह निष्कर्ष के तौर पर साफ हो गया है कि
लॉकडाउन बिना तैयारी के चार घंटों में घोषित और लागू किया गया। बेहद दुखद। लोगों
का भरोसा जीतने के लिए आर्थिक सहायता बहुत पहले या लॉकडाउन के साथ ही घोषित की
जानी चाहिए थी।” कांग्रेस की
अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, महासचिव
प्रियंका गांधी ने भी अपने-अपने तरीके से कोरोना लॉकडाउन पर सरकार को घेरना शुरू
कर दिया है। इस मुद्दे पर अब पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी खुलकर
आलोचना की है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.