रायपुर । स्वास्थ्य विभाग ने बस्तर को मलेरिया,
एनीमिया
और कुपोषण से मुक्त करने करीब दो लाख 76 हजार घरों में दस्तक दी।
स्वास्थ्यकर्मी मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के अंतर्गत 15 जनवरी से 14
फरवरी तक लक्षणहीन तथा लक्षण वाले मलेरिया का इलाज करने बस्तर संभाग के 154
छात्रावासों, 500 आश्रमों, 76 पोटा केबिन
स्कूलों और अर्धसैनिक बलों के 169 कैंपों में भी पहुंचे। मलेरिया की
पहचान के लिए इस दौरान कुल 14 लाख पांच हजार 610
लोगों के खून की जांच की गई।
बस्तर संभाग के मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में
मलेरिया परजीवी को समूल नष्ट करने यह व्यापक अभियान उन क्षेत्रों में संचालित किया
गया जहां वार्षिक परजीवी सूचकांक 10 से अधिक है। दंतेवाड़ा, बीजापुर,
सुकमा
और नारायणपुर जिले के सभी विकासखंडों, बस्तर जिले के तीन विकासखंडों बड़े
किलेपाल, तोकापाल व दरभा तथा कांकेर एवं कोंडागांव के 39 उपस्वास्थ्य
केन्द्रों में यह अभियान संचालित किया गया। बस्तर संभाग के कुल 26
विकासखंडों में घर-घर जाकर मलेरिया की स्क्रीनिंग एवं इलाज किया गया। श्रीलंका को
मलेरियामुक्त करने जिस तरह व्यापक अभियान चलाया गया था, उसी तर्ज पर यह
गहन अभियान बस्तर में संचालित किया गया है। इसका दूसरा चरण आगामी मई-जून महीने में
चलाया जाएगा।
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