नई दिल्ली ! आज से नवरात्र शुरू हो चुके हैं. नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री
का विधिवत पूजन किया जाता है. इसी दिन से हिन्दू नववर्ष अर्थात नए संवत्सर की
शुरुआत होती है. पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण
मां दुर्गा जी का नाम शैलपुत्री पड़ा. मां शैलपुत्री नंदी नाम के वृषभ पर सवार
होती हैं और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प होता है.
मां शैलपुत्री के पूजन से जीवन में स्थिरता और
दृढ़ता आती है. खासतौर पर महिलाओं को मां शैलपुत्री के पूजन से विशेष लाभ होता है.
महिलाओं की पारिवारिक स्थिति, दांपत्य जीवन, कष्ट क्लेश और
बीमारियां मां शैलपुत्री की कृपा से दूर होते हैं.
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