Sunday 8 March 2020

महिलाओं का सम्मान तथा सुरक्षा जिम्मेदारी ही नहीं हमारी सर्वेच्च प्रथमिकता है - मुख्यमंत्री

अम्बिकापुर ! मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता ‘लोकवाणी’ की 8वीं कड़ी के प्रसारण को आज एसएलआरएम सेन्टर नवापारा के स्वच्छता दीदियों के द्वारा सुना गया। लोकवाणी के 8वीं कड़ी में मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ’महिलाओं को बराबरी के अवसर’ विषय पर अपने विचार साझा किए।






मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के सम्मान को मजबूत अधिकारी देकर ही उन्हें मजबूत किया जा सकता है। महिला सम्मान को उनके अधिकारों और स्वावलम्बन से जोडने की रणनीति अपनाई है। महिलाओं का सम्मान तथा सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्त्री-पुरूष अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। आदिवासी अंचलों में महिलाओं की संख्या पुरूषों से अधिक है जो देश और दुनिया के लिए उदाहरण है। उन्होंने कहा महिलाओं के सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन नम्बर 1091 स्थापित किया गया है। यदि किसी को आवश्यकता पड़े तो तत्काल मदद मिल सकती है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमारी सरकार ने हर स्तर पर समुचित कदम उठाएं हैं। महिला हेल्पलाइन 181, सखी वन स्टाप सेन्टर, महिला पुलिस स्वयं सहायिका योजना, महिला जागृति शिविर, स्वधार योजना, कामकाजी महिला हास्टल योजना,  महिला शक्ति केन्द्र योजना तथा सहयोग के लिए काम रही है।
प्रदेश के 374 थानों में महिला डेस्क स्थापित किए जा चुके हैं और 8 जिले में महिला विरूद्ध अपराध विवेचना इकाई संचालित की जा रही है। इसके साथ ही 4255 सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा स्थापित किया गया है तथा स्थानीय स्तर पर संगठनों को प्र्रेरित किया जा रहा है। महिलाओं से सम्बंधित अपराधों की विवेचना के लिए 6 जिलों में आईयूसीएडब्ल्यू स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त पारिवारिक विवाद महिला उत्पीडन से सम्बधित प्रकरणों के लिए महिला परामर्श केन्द्र महिला पुलिस वालंटियर्स तथा बालिका आश्रम व छात्रावास में सुरक्षा हेतु महिला होमगार्ड की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सुरक्षा के लिए स्वयं जागरूक हो और दूसरों को भी जागरूक करें। अपने कानूनी अधिकारों और राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं के बारे में आपस में चर्चा करना बहुत जरूरी है ताकि संकट के समय यह पता चले कि कहां से क्या मदद मिल सकती है। महिला सुरक्षा का विषय एक बार चर्चा करने का नहीं अपितु निरंतर सावधानी बरतने का और इसके बारे में बात-चीत करते रहने का है। 

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