भोपाल : मुख्यमंत्री
ने बीओटी के तहत बनने वाली सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता और उनके रख-रखाव पर
निगरानी रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल सख्त कार्रवाई
की जाए। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम की 39वीं
संचालक मंडल की बैठक में दिए। बैठक में बीओटी के तहत प्रस्तावित 957.19
किलोमीटर लम्बी लगभग 3000 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली 12
सड़कों को स्वीकृति प्रदान की गई। लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी
उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए
यह जरूरी है कि बेहतर सड़कें हों। इससे जहाँ एक ओर आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ती हैं वहीं
पर्यटन की संभावनाएँ भी विकसित होती हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि सड़कों के
निर्माण में प्रोटोकॉल का पालन हो और उनका मेंटेनेंस भी किया जाए।
मुख्यमंत्री ने मुबारकपुर से मिसरोद 45
किलोमीटर भोपाल बायपास रोड पर स्थित टोल नाके का रख-रखाव ठीक ढंग से न होने पर उसे
निलंबित करने के निर्देश दिए। यह टोल नाका अब मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन
द्वारा संचालित किया जाएगा।
बैठक
में सीएसआर के अंतर्गत भोपाल, देवास, छिंदवाड़ा और ओरछा में आम
लोगों के लिए 1 करोड़ 69 लाख रूपए की लागत से लायब्रेरी खोलने एवं फास्ट ट्रेक सिस्टम को स्टेट टोल
प्लाजाओं पर लागू करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल-देवास रोड मार्ग
का चयन किया गया। बैठक में बीओटी के तहत हरदा से खण्डवा, देवास-उज्जैन-बड़नगर-बदनावर, रीवा-बेहरी, बेहरी
से शहडोल, रायसेन-गैरतगंज, राहतगढ़, रतलाम-झाबुआ, गोसला-महिदपुर-गोगापुर, चाँदला-सरवई, गौरीहार, मातोन्ड, मलेहरा-लोंडी-चाँदला-अजयगढ़, होशंगाबाद-पिपरिया, होशंगाबाद-टिमरनी
और सिवनी-बालाघाट मार्ग के निर्माण की मंजूरी दी गई।
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