धमतरी ! छत्तीसगढ़ में भाजपा शासन के दौरान ही
जर्दायुक्त गुटखे की बिक्री पर कानूनी प्रतिबंध लगाया गया था. इस आदेश के मुताबिक
तम्बाकू युक्त पान मसाला और गुटखा बेचना या बनाना दोनों ही कानूनी कार्रवाई के
दायरे में आ गया. लेकिन जमीन पर इस कानून का कोई असर कभी भी दिखाई नहीं दिया. गांव
देहात से लेकर शहरों तक पान ठेलों से लेकर किराना दुकान औृर डेली नीड्स तक
प्रतिबंधित गुटखा खुले आम बिकता आ रहा है.
प्रशासन में जिन विभागों को इस पर नियंत्रण और कार्रवाई
का जिम्मा है वो भी कभी जांच की जहमत नहीं उठाते. बात अगर धमतरी जिले की करें तो
यहां अवैध तरीके से गुटखा बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी जा चुकी है. लेकिन इसके
बावजूद गुटखे के मुनाफा वाले अवैध धंधे के ग्राफ पर कोई आंच नहीं आई. उल्टे लगातार
गुटखे की खपत बढ़ी ही जा रही है.
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