Saturday 1 February 2020

स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मिला गोल्ड मैडल



रायपुर ! छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी में बेहतर कार्यशैली के साथ कार्य करने वाले छह अधिकारी-कर्मचारियों को क्षेत्रीय स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री अशोक कुमार ने कहा कि जिन्हें पुरस्कार मिला है वे तराशे गए हीरे हैं। अब हमारी अन्य कर्मचारी भी हीरे हैं, उन्हें भी अपनी पूरी क्षमता से काम करते हुए अपनी छाप छोड?ी है। ताकि कंपनी प्रदेश में विद्युत विस्तार का कार्य कर सके।
ट्रांसमिशन कंपनी हर बार जनवरी में क्षेत्रीय स्तर पर अपने कर्मचारी-अधिकारियों को पुरस्कृत करती है। इसमें उन्हें प्रशस्ति पत्र, गोल्ड मैडल के साथ पाँच हजार रुपए प्रदान किये जाते हैं। इस वर्ष छह कर्मियों को यह सम्मान दिया गया। राजनांदगांव के सहायक अभियंता श्री भूषण प्रसाद वर्मा को 220 केवी उपकेंद्र में 160 एमवीए ट्रांसफार्मर के सर्किट ब्रेकर से मेजर गैस लिकेज की समस्या को आपने बिना लोड शेडिंग के एक घंटे में ठीक करने के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने बिना शट डाऊऩ किये रनिंग कंडीशन में उच्च क्षमता की बैटरी बदलने का सराहनीय कार्य भी किया। कोरबा के टेस्टिंग असिस्टेंट श्री मुंज कुमार गभेल को 132 केपी उपकेंद्र दर्री और गेवरा से साउथ ईस्टर्न कोल लिमिटेड को पावर फीडर का ब्रेकर सूझबूझ, अनुभव और बेहतर कार्यक्षमता से बिना किसी खर्च के करने के लिए पुरस्कृत किया गया। उनके कार्य से कंपनी को पाँच लाख रुपए की बचत हुई। रायपुर कार्यपालक निदेशक कार्यालय के सेनेटरी इंस्पेक्टर श्री वीएस वर्गीस को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उन्होंने सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद पर रहते हुए कास्ट एवं मैनेजमेंट एकाउंट जैसा कठिन और टाइम टेकिंग कार्य रूचिपूर्वक पूरी जिम्मेदारी से किया और वित्तीय वर्ष 2018-19 के लागत लेखे बनाकर उनका आडिट करवाकर रजिस्ट्रार आफ कंपनीज में फाइल करने में योगदान दिया। उन्हें एक और उपलब्धि हासिल हुई, जिसमें उन्होंने विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर लेखा अधिकारी पर पदोन्नत हुए। बिलासपुर के लाइन असिस्टेंट श्री हरिप्रसाद टेमरे को 220 केवी छुरी-मोपका लाइन के अस्थिर टावर के अत्यंत जटिल सुधार कार्य को सीमित संसाधन में पूरा करने सम्मानित किया गया। इसी तरह भिलाई के अटेंडेंट ग्रेड-2 बेल्टमेन श्री रमेश कुमार वर्मा ने 2 अगस्त को बारिश के महीने में प्रतिकूल परिस्थितियों में 220 केवीए खेदामारा भिलाई में क्षतिग्रस्त आर्थिंग वायर को नीचे उतारे बिना लाइन सुधारने कठिन कार्य किया। इस जोखिम कार्य को साहसिक ढंग से करने उन्हेंगोल्ड मेडल दिया गया।

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