रायपुर ! राज्यपाल ने कहा है कि भोंसले शासकों ने शौर्य
के साथ ही उदारता की श्रेष्ठ परम्पराएं भी कायम की थी। देश की आजादी की लड़ाई में
भोंसलों का महत्वपूर्ण योगदान था। राज्यपाल ने नागपुर में श्रीमंत राजे रघुजी
महाराज भोंसले बहुद्देशीय स्मृति प्रतिष्ठान और महाराजा आॅफ नागपुर ट्रस्ट द्वारा
आयोजित राजरत्न पुरस्कार 2020 समारोह को संबोधित कर रही थी। इस अवसर
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आठ लोगों को राजरत्न पुरस्कार से
सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि यह अच्छा संयोग है कि
श्रीमंत राजे रघुजी महाराज की जयंती और पुण्यतिथि 14 फरवरी को होती
है। ऐसा संयोग महान लोगों के साथ ही जुड़ा होता है। उनकी याद में यह आयोजन वाकई में
एक अच्छा कार्य है। उन्होंने कहा कि मराठा इतिहास वीरता की गौरवशाली परंपरा है और
भोंसले राजवंश इसकी सर्वाधिक महत्वपूर्ण कडि?ों में से एक
है। रघुजी भोंसले द्वारा उत्तर पूर्व की ओर भेजा गया अभियान, जिसमें
मराठा सेनाएं बंगाल तक पहुंच गई थी। विंध्याचल के दक्षिण से निकल कर कोई सेना गंगा
तट पर पहुंच जाए, ऐसा अश्वमेध यज्ञ जैसा पराक्रम भारतीय इतिहास
में दुर्लभ ही दिखता है। केवल राजेंद्र चोल के समय ऐसा हुआ था कि दक्षिण की ओर से
कोई सेना आई जिसने बंगाल तक फतह कर दिया। ऐसे यशस्वी महाराज रघुजी भोंसले जिनके
समय मराठा सीमाएं कटक तक फैल गईं। ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रतिरोध करने जो राजवंश
अग्रणी पंक्ति में रहे, वे भोंसले रहे।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.