Monday 13 January 2020

पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की खुशबू युवा महोत्सव में बिखरी



रायपुर ! राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में साइंस कॉलेज परिसर आज पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की खुशबू से महक उठा। यहां अयोजित फूड फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की विविधता और उसके स्वाद का खजाना दिखाई दिया। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने स्थानीय पारंपरिक व्यंजन बनाए। इनमें फरा, चीला, चौसेला, अईरसा, हिरवां पूरी, दूध फरा, दहरोरी, धुसका, जीमीकंद की सब्जी, ठेठरी, खुरमी व्यंजनों खास रहे। इसके साथ बस्तर की चापड़ा चटनी, अमारी फूल की चटनी-शर्बत और ईमली से बना लाटा से लोगों के मुंह में पानी आ गया। प्रतियोगिता में 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग में 21 और 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 8 प्रतिभागी शामिल हुये। प्रतियोगिता में 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग में नारायणपुर जिला प्रथम, सूरजपुर जिला द्वितीय और जांजगीर-चांपा जिला तृतीय रहा और 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कबीरधाम जिला की प्रतिभागियों ने प्रथम स्थान, धमतरी जिला ने द्वितीय स्थान और नारायणपुर जिले के प्रतिभागियों ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल की सदस्य रायपुर की श्रीमती नेहा सोनी, सुश्री नम्रता चन्द्रांकर, श्रीमती सरिता शर्मा थीं।
प्रतियोगिता में 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग में प्रथम स्थान पर रहे नारायणपुर जिले के प्रतिभागियों ने बस्तर जिले का पारंपरिक माडि?ा पेज, अमारी और चपोड़ा की चटनी के साथ चीला को आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया। 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में प्रथम स्थान पर रहे कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा ब्लॉक की जगदम्बा महिला समूह की सदस्यों ने पारंपरिक चौसेला और टमाटर की चटनी के साथ ठेठरी, खुरमी बनाया। द्वितीय स्थान पर रहीं धमतरी की श्रीमती सूर्यप्रभा चेट्टियार ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक दूधफरा को बच्चों के स्वाद और पौष्टिकता को ध्यान में रखते हुए नारियल के दूध में कोदो कुटकी और मंूग की दाल से नया स्वाद देने की कोशिश की। तृतीय स्थान पर रहे नारायणपुर जिले के प्रतिभागी श्रीमती शैल उसेंडी ने बताया कि उन्होंने कोसरा चावल की खीर और माडि?ा पेज बनाया है,जो गर्मी के समय शरीर को ठंडा रखता है। कोसरा चावल शुगर फ्री होने के कारण मधुमेह के रोगियों द्वारा भी खाया जा सकता है। अमारी फूल की चटनी में विटामिन सी बहुतायत से मिलता है। चापड़ा चटनी को स्थानीय स्तर पर लोग मलेरिया और अन्य बीमारियों के इलाज में उपयोग करते हैं।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.