भोपाल ! राज्य सरकार ने
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलाजी (NIFT) के डिजाइनिंग विद्यार्थियों को मृगनयनी एम्पोरियम से जोड़ने का निर्णय
लिया है। इस संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा बुनकरों के लिये विकसित डिजाइन
उपभोक्ताओं को पसंद आने पर विद्यार्थियों को रायल्टी दी जाएगी।
प्रदेश के बुनकरों और शिल्पियों के उत्पादों को जन-जन तक पहुँचाने के
लिये हाल ही में होशंगाबाद एवं बैतूल में मृगनयनी के नये विक्रय केन्द्र खोले गये
हैं। प्रदेश के बाहर हैदराबाद और एकता मॉल केवड़िया (गुजरात) तथा रायपुर में
मृगनयनी के नये शो रूम खोले गये हैं। प्रदेश के हस्तशिल्प एवं हाथकरघा को व्यापक
बाजार मुहैया कराने के लिये अन्य राज्यों के साथ एमओयू साइन किये गये हैं।
हस्तशिल्पियों और बुनकरों को रोजगार तथा तुरंत मार्केट सुविधा उपलब्ध कराने के लिये
गौहर महल भोपाल, अर्बन हाट इंदौर
और शिल्प बाजार ग्वालियर में नई गतिविधियाँ प्रारंभ की गई हैं।
बुनकरों को डिजाइन विकास का प्रशिक्षण
राष्ट्रीय हाथकरघा विकास योजना और राज्य सरकार की एकीकृत कलस्टर
विकास योजना में प्रदेश के 280 बुनकरों को
डिजाइन विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। विकास आयुक्त हाथकरघा के इम्पैनल्ड
डिजाइनर और मास्टर वीवर्स द्वारा यह प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा इंदौर, महेश्वर और चन्देरी में 276 बुनकरों को बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण
प्रदान किया गया।
निजी क्षेत्र के लिये ई-रेशम पोर्टल शुरू
राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र के मलबरी हितग्राहियों के चयन, पंजीयन और भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी
बनाने के लिये अप्रैल 2019 से ई-रेशम
पोर्टल प्रारंभ किया है। इसमें चयनित हितग्राहियों को पौधा-रोपण, कृमि-पालन, भवन
निर्माण तथा सिंचाई उपकरण के लिये सहायता प्रदान करने की ऑनलाइन व्यवस्था की गई
है। पोर्टल पर भुगतान आदेश जनरेट करने की व्यवस्था भी की गई है।
रेशम ककून का समर्थन मूल्य
प्रदेश में किसानों से खरीदे जाने वाले रेशम ककून (मलबरी एवं टसर) का
समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, इंदौर और बैतूल जिले में शीघ्र ही ऑटोमेटिक
रीलिंग मशीन स्थापित की जा रही है।
लंदन में उत्पादों की सराहना
प्रदेश के चन्देरी, महेश्वर और बाघ
के बुनकरों एवं शिल्पियों का कला-कौशल विदेशों तक पहुँच रहा है। पिछले दिनों लंदन
में आयोजित फ्रैंड्स ऑफ एम.पी. कॉन्क्लेव में प्रदेश के बुनकरों एवं शिल्पियों के
उत्पाद भेजे गए। कॉन्क्लेव में इन उत्पादों को न केवल अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली
बल्कि बेहद पंसद भी किया गया।
रोजगार के लिये ऋण पर 44 करोड़ 52 लाख मार्जिन मनी
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में
एक साल में 5249 बुनकरों और
शिल्पकारों को स्वीकृत ऋण राशि पर 44
करोड़
52 लाख 24 हजार रूपये मार्जिन मनी दी गई। इसमें से
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 3693
हितग्राहियों
को बैंक से ऋण स्वीकृत कराकर 42 करोड़ 23 लाख 77 हजार रुपये तथा मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में 1556 हितग्राहियों को बैंक से ऋण स्वीकृत कराकर 2 करोड़ 28 लाख 52 हजार रुपये
मार्जिन मनी उपलब्ध करवाई गई।
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