सरगुजा । प्याज हमेशा से राजनीति का अखाड़ा रही है. इसी
प्याज ने छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से आम लोगों को रूलाना शुरू कर दिया है और यही
वजह है कि आम लोगों के आंसू पोछने के बहाने अब सियासत भी तेज हो गई है. सरगुजा के
अम्बिकापुर पहुंचे प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री ने प्याज की कीमत का गुनाहगार
केन्द्र सरकार को बताया है तो बीजेपी (BJP) के नेता प्रदेश
सरकार को कोसते नजर आ रहे हैं.
अम्बिकापुर के खुदरा बाजार में प्याज 80-90
रुपए प्रति किलो की कीमत मे बिक रही है तो वहीं थोक बाजार मे प्याज की कीमत 60-70
रुपए प्रति किलोग्राम है. इससे आम लोगों ने अपने हाथ समेट लिए हैं. अंबिकापुर की
सब्जी मंडी पहुंची रीता का कहना है कि पहले जंहा 1 किलो प्याज खरीदते थे तो वही अब
आधा किलो या एक पाव प्याज से ही काम चला रहे हैं. रोहित गुप्ता का कहना है कि
प्याज के कीमत ने बजट बिगाड़ दिया है.
प्याज की कीमत से जहां आम आदमी परेशान हैं.
वहीं प्याज को लेकर सियातत भी तेज होने लगी है. अम्बिकापुर पहुंचे प्रदेश के नगरीय
प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि प्याज की बढ़ी कीमतों के लिए केन्द्र दोषी
है. क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार को केन्द्र द्वारा न ही भंडारण की अनुमति मिल रही है
न ही प्याज खरीदने की. इधर प्याज की बढ़ी कीमत की गेंद केन्द्र के पाले मे डालने
के बाद प्रदेश मे विपक्षी दल ने पुराने समय का हवाला देते हुए राज्य सरकार पर
निशाना साधा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरारी लाल बंसल का कहना है कि छत्तीसगढ़
सरकार को प्याज के उत्पादक किसानों को प्याज पर सब्सीडी देकर प्याज को 20-30 रुपए
प्रति किलो के दाम पर बिक्री कराना चाहिए.
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