Friday 1 November 2019

स्वास्थ्य का अधिकार नव अधिकारों में सबसे बड़ा मूल अधिकार है



मुख्यमंत्री ने कहा है कि नव अधिकारों में सबसे बड़ा मूल अधिकार है नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाना। उन्होंने कहा कि जब हम स्वास्थ्य का अधिकार देने की बात करते हैं, तब हमें इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि अधोसंरचना और वित्त के साथ हरे पास उत्कृष्ट और दक्ष नव संसाधन भी हो, जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलना सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि यह हरे सामने सबसे बड़ी चुनौती है। कमल नाथ मिटों हाल में स्वास्थ्य का अधिकार विषय पर आयोजित दो दिवसीय कॉन्क्लेव का शुभारंभ कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने गत मई में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान मध्यप्रदेश में जनता को स्वास्थ्य का अधिकार देने की योजना बनाने के निर्देश दिये थे। यह कॉन्क्लेव मुख्यमंत्री की इसी मंशा को पूरा करने के लिए आयोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार, नागरिकों का बुनियादी अधिकार है। उन्होंने कहा कि वर्तन में हरी स्वास्थ्य सुविधाएँ पिछड़ी हुई हैं। हरे पास अधोसंरचना है, बजट भी है, लेकिन प्रशिक्षित चिकित्सक सहित अन्य नव संसाधनों की बहुत कमी है। उन्होंने कहा कि हमें संख्या के आधार पर नहीं, गुणवत्ता के आधार पर चिकित्सा से जुड़े लोगों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा का व्यवसाय नव सेवा से जुड़ा हुआ है। इससे जुड़े जितने भी लोग हैं, वे नौकरी के रूप में नहीं बल्कि सज सेवा के रूप में अपना काम करें। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का सामना करते हुए हमें लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुँचाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अन्य क्षेत्रों के साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी बड़े परिवर्तन हुए हैं और नई-नई तकनीकें इजाद हुई हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हम भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में इन परिवर्तनों का बेहतर उपयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पीपीपी मॉडल का मैं समर्थन करता हूँ लेकिन इसका सही मॉडल हमें देखना होगा जो लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ दे सके। उन्होंने कहा कि आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है, अगर हैं, तो डॉक्टर नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कितनी भी अच्छी योजनाएँ बना लें लेकिन उसका डिलेवरी सिस्टम ठीक नहीं है, तो हरी सारी योजनाएँ फेल हो जाती हैं। श्री कमल नाथ ने कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार व्यवस्था में हम जो भी कार्य प्रक्रिया अपनाएँ, उसकी क्रियान्वयन व्यवस्था पुख्ता हो और लोगों तक उसका लाभ पहुँचना सुनिश्चित हो। यह भी हरे सामने एक बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉन्क्लेव इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि इसमें जो लोग शिरकत कर रहे हैं, उनके पास ज्ञान का भंडार है, कौशल है और अनुभव है। मेरी अपेक्षा है कि कॉन्क्लेव में होने वाले मंथन से निकले निष्कर्ष मध्यप्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार दिला सकें और हम एक स्वस्थ्य मध्यप्रदेश का निर्ण कर सकें। श्री कमल नाथ ने कहा कि आज मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस है। हम दस साल बाद जब मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस मनाएं, तो इस सम्मेलन के निष्कर्षों के आधार पर जो स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ मध्यप्रदेश में बनें, वो मील का पत्थर साबित हो और पूरे देश का आदर्श मॉडल बन सके।

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