राज्यपाल से
प्रदेश में अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के आंकलन के लिए प्रदेश प्रवास पर आये अंतर
मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने राजभवन में भेंट की। राज्यपाल ने दल से कहा कि प्रदेश
के अतिवृष्टि पीड़ित किसान और गरीब के प्रति संवेदनशील दृष्टि के साथ क्षति का
अध्ययन किया जाए। क्षति का आंकलन उदार और व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ किया जाना
चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि से सोयाबीन और अन्य फसलों की काफी
हानि की सूचनाएँ मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े भू-भाग में सोयाबीन
फसल का उत्पादन होता है। अतिवृष्टि से सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की कृषि अर्थ-व्यवस्था में सोयाबीन का बड़ा योगदान है।
फसल की क्षति से ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
राज्यपाल ने कहा
कि मूंग, उड़द, कपास आदि अन्य फसलों की क्षति की खबरें भी
प्राप्त हुई हैं। उन्होंने केन्द्रीय दल से अपेक्षा की कि फसल क्षति से प्रभावितों
को उचित राहत मिले। केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली आपदा राहत अधिकतम हो।
केन्द्रीय दल द्वारा इस दिशा में सकारात्मक पहल की जाए।
राज्यपाल को
राज्य सरकार द्वारा अतिवृष्टि से हुई क्षति के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया
गया। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी, राज्यपाल
के सचिव मनोहर दुबे एवं केन्द्रीय दल के सदस्य उपस्थित थे।
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