Friday 4 October 2019

पीएम मोदी से कमलनाथ ने राहत पैकेज मांगा



मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात की। उन्होंने प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान की सर्वे रिपोर्ट पीएम मोदी को सौंपी। मुलाकात के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदेश में 16 हज़ार करोड़ के नुकसानी की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार भी इसको लेकर चिंतित हैं। इस अतिवृष्टि से प्रदेश में सोयाबीन, कपास, उड़द की फसल तो बर्बाद हो गई है। चूंकि अभी भी बारिश का दौर जारी है, एक बार फिर नुकसान का सर्वे होगा ताकि वास्तविक आकलन नुकसानी का हो सके। हम चाहते हैं कि किसानों को उनके नुकसान की भरपाई हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि वह इस प्राकृतिक आपदा को देखते हुए प्रदेश सरकार की हर संभव मदद करेंगे।
आपदा की श्रेणी में रखें बारिश से हुई तबाही को
कमलनाथ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे पुन: केंद्रीय अध्ययन दल प्रदेश में भेजें, जिससे क्षति का वास्तविक आकलन हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रदेश में बारिश के कारण हुई भारी तबाही को गंभीर आपदा की श्रेणी में रखने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय विकास आपदा कोष एवं अधोसंरचना पुनर्निर्माण के लिए लगभग 9 हजार करोड़ रुपये की मदद देने का आग्रह किया। जिससे किसानों और आम लोगों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
दोनों के बीच एक घंटे चली मुलाक़ात
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में पीएम आवास में पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच करीब एक घंटे तक मुलाकात चली। पीएम मोदी से से मिलकर निकलने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया कि उन्होंने बारिश और बाढ़ से प्रदेश में हुई तबाही और फसलों के नुकसान की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को दी। साथ ही इस नुकसान की भरपाई के लिए 16 हजार करोड़ रुपए का पैकेज मांगा है।
पीएम मोदी भी चिंतित हैं
कमलनाथ ने बताया कि राज्य में हुए नुकसान की रिपोर्ट भी पीएम नरेंद्र मोदी को दी है। मध्य प्रदेश में बारिश और बाढ़ से मची तबाही और बर्बादी को लेकर वो भी चिंतित हैं। पीएम मोदी ने सहानभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार जान-माल औऱ फसलों के नुक़सान का दोबारा सर्वे करा रही है। अभी बारिश पूरी तरह रुकी नहीं है, इसलिए नुक़सान का प्रतिशत और बढ़ सकता है।

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