राज्यपाल ने कहा है कि योग्यता, ज्ञान, दक्षता
और नैतिकता के साथ समाज सेवा का संकल्प ही सरकारी सेवा है। इसलिये शासकीय सेवकों
को उच्च आदर्शों को अपने कार्य का लक्ष्य बनाना चाहिए। टंडन राजभवन में आठ विभागों
के लोक सेवा आयोग से चयनित प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। ये
अधिकारी आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में आधारभूत प्रशिक्षण
प्राप्त कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि अधिकारियों को समाज
के सेवक के रूप में कार्य करना चाहिए। उनके चिंतन का दायरा व्यापक और परिदृश्य
विस्तृत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की कार्यशैली खोजपरक होनी चाहिए।
उन्हें व्यवस्था की कमियों को पहचान कर उनको दूर करने और उपलब्ध संसाधनों से
अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के नवाचारी प्रयास करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि
प्रशिक्षु अधिकारी देश और प्रदेश के भविष्य के शिल्पी हैं। अधिकारी अपनी प्रतिभा
का प्रदर्शन अन्त्योदय के उत्थान में करें। उन्होंने कहा कि दूसरों को खुशी देने
से मिलने वाली खुशी अमूल्य होती है। सरकारी सेवा इस खुशी को प्राप्त करने का महान
अवसर है। उन्होंने कहा कि न्यायप्रियता के साथ उत्साह से कार्य करेंगे, तो जीवन
में भरपूर सम्मान और प्रसन्नता प्राप्त करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि देशहित को जीवन का
लक्ष्य मानकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के सोचने का ढंग अलग-अलग
होता है। विचारों के आदान-प्रदान से प्राप्त ज्ञान ही असली विद्या है। भारतीय
संस्कृति की यह मान्यता प्रजातंत्र का मूल है। इसी के आधार पर कार्य करना लोक सेवक
का दायित्व है। उन्होंने कहा कि जनता के साथ सीधा संवाद और संवेदनशीलता के साथ
समस्याओं को सुनना बहुत आवश्यक है। टंडन ने महिला अधिकारियों की अधिक संख्या पर
प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि तनावमुक्त जीवन ही रचनात्मक होता है।
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद और शुभकामनाएँ दीं।
पाठ्यक्रम संचालक रूही खान ने बताया कि
विभिन्न विभागों के 67 प्रशिक्षुओं में 40 पुरूष और 27 महिला अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि
अकादमी में राज्य सेवा के अधिकारियों द्वारा पहली बार राज्य दिवस का आयोजन किया
जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान ट्रेकिंग और पब्लिक स्पीच के कार्यक्रम भी आयोजित किये
गए हैं।
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