भारत के दौरे पर आए चीनी राष्ट्रपति शी
जिनपिंग (Xi Jinping) को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra
Modi) ने चेन्नई से करीब 60 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध मूर्तिकला
शहर महाबलीपुरम में तीन महत्वपूर्ण स्मारकों की वास्तुकला और महत्व के बारे में
विस्तार से समझाया। इस दौरान पीएम मोदी पारंपरिक तमिल परिधान 'विष्टी'
(सफेद
धोती), आधी बांह की सफेद कमीज के साथ ही अंगवस्त्रम (अंगोछा) कंधे पर रखे
नजर आए।
मोदी ने दूसरे अनौपचारिक भारत-चीन शिखर
सम्मेलन के लिए महाबलीपुरम पहुंचे शी का स्वागत किया। इस दौरान शी सफेद कमीज और
काली पतलून पहने हुए थे। मोदी अजुर्न के तपस्या स्थल के पास शी से मिले और उन्हें
चट्टान काटकर बनाए गए भव्य मंदिर के अंदर ले गए। मंदिर में प्रवेश करने के बाद
मोदी चीनी नेता को यहां की नक्काशी और पारंपरिक सभ्यता व संस्कृति के बारे में
बताते हुए देखे गए।
फिर दोनों नेता अजुर्न की तपस्या
मूर्तिकला के पास गए। मोदी एक पेशेवर गाइड की तरह शी को विशाल चट्टान पर उकेरी गई
विभिन्न छवियों को बताते हुए देखे गए। शी भी मोदी को बड़ी उत्सुकता से सुन रहे
थे।महाबलीपुरम के शानदार स्मारकों में से एक अजुर्न के तपस्या स्थल पर एक बड़े
शिलाखंड पर आकृतियां उकेरी गईं हैं। यहां एक तपस्वी को अपने बाएं पैर पर खड़े होकर
तपस्या करते दिखाया गया है, वहीं हिंदू देवताओं को भी दिखाया गया
है। देवताओं के अलावा यहां ऋषियों, जानवरों और अन्य पारंपरिक चित्र उकेरे
गए हैं।
तपस्वी के दाहिनी ओर भगवान शिव की छवि
भी उकेरी गई है। कहा जाता है कि महाभारत के नायक अजुर्न ने भगवान शिव से दिव्य
पसुपथास्त्र (शस्त्र) प्राप्त करने के लिए यहां तपस्या की थी।इसके साथ ही मोदी और
शी ने कृष्ण की बटर बॉल की सैर की। यहां से दोनों नेताओं ने एक ही कार में बैठकर
पांच रथों तक पहुंचने के लिए कुछ दूरी तय की।
पांच रथ ठोस चट्टानों का एक समूह है।
यह पांच रथ मुक्त रूप से खड़े अखंड मंदिर के रूप में हैं, जिन्हें महाभारत
के पांच पांडव भाई युधिष्ठिर, भीम, अजुर्न, नकुल
और सहदेव के साथ उनकी पत्नी द्रौपदी से जोड़ा गया है।इसके बाद दोनों नेताओं ने
बातचीत करने के लिए एक जगह पर बैठने का फैसला लिया। उन्होंने यहां नारियल पानी भी
पीया। मोदी को एक करीबी परिवार के सदस्य या मित्र की तरह शी को पेपर नैपकिन सौंपते
हुए देखा गया।
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