मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाबा साहेब
अंबेडकर ने भारतीय संविधान का निर्माण तो किया ही, साथ ही कई अफ्रीकी देशों को उनका
संविधान बनाने में मदद भी की। यही कारण है कि अफ्रीकी देशों ने बाबा साहेब की
समानता आधारित समाज की सोच को अपनाया है। कमल नाथ छिंदवाड़ा में 63वें धम्म
चक्र प्रवर्तन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर धर्म का एक
संदेश होता है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म के संदेश की आज सिर्फ भारत ही नहीं
बल्कि सम्पूर्ण विश्व को आवश्यकता है। बाबा साहेब अंबेडकर देश के ही नहीं बल्कि
विश्व के हैं, जिनके
कारण हमारे देश की बुनियाद खड़ी है। कमल नाथ ने कहा कि विभिन्न भाषा, जाति, त्यौहार
और धर्म के होते हुए भारत आज बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के कारण ही एक झंडे के
नीचे खड़ा है। इतना ही नहीं, बाबा साहेब अंबेडकर की सोच के कारण ही कई
अफ्रीकी देशों को स्वतंत्रता भी मिली। उन देशों ने अपने संविधान में बाबा साहेब की
सोच को अपनाया। वे लोग आज भी बाबा साहेब को अपना मार्गदर्शक मानते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब एक
व्यक्ति नहीं, एक
सोच है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में हमें नई पीढ़ी पर भी ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की नई पीढ़ी की अपनी सोच है। उन्हें भारत की संस्कृति और
बाबा साहेब की सोच से परिचित करवाएँ। कमल नाथ ने गौतम बुध्द और डॉ. भीमराव अंबेडकर
के चित्र पर माल्यार्पण किया।
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