मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य समाज का आईना होता है। उत्कृष्ट साहित्य व्यक्ति को जीने जीने की कला सिखाता है और देश प्रेम, राष्ट्रीय एकता, भाई चारा की सीख देता है। मुख्यमंत्री यहां व्ृन्दावन हाल में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था निरंतर पहल द्वारा संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित तेजिन्दर का समय और कथा-सरोकार कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। बघेल ने कहा कि साहित्यकार और लेखक स्वर्गीय तेजिन्दर सिंह गगन को याद करने यहां साहित्यकार, लेखक और पत्रकार उपस्थित हुए हैं। तेजिन्दर का जन्म देश विभाजन के समय हुआ था। उन्होंने जीवन संघर्ष को बहुत करीब से देखा था। तेजिन्दर प्रदेश के कांकेर और सरगुजा जिले में प्रवास पर गए थे। उन्होंने प्रकृृति को करीब से देखा और वहां की जीवन को अनुभव किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजिन्दर द्वारा लिखा गया साहित्य समाज के लिए उपयोगी है। संस्मरण कार्यक्रम में डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. श्रीमती शीला गोयल, विविध भारती के कमल शर्मा, डॉ. सुभद्रा राठौर और नीलू मेघ ने तेजिन्दर सिंह गगन के जीवन वृतांत को बताया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार ललित सुरजन, रमेश नैयर, सेवानिवृत आई.ए.एस. सुशील त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के सलाहकार रूचिर गर्ग सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, लेखक, कवि एवं पत्रकार उपस्थित थे।
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