राज्यपाल
ने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान आत्मसर्मपित नक्सलियों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि वे नक्सली संगठन से जुड़े हुए अन्य लोगों को समाज की मुख्य
धारा में जोड़ने के लिए प्रेरित करें और समाज और राष्ट्र के निर्माण में
अपना योगदान दे। राज्यपाल ने दंतेश्वरी महिला कमांडो से भी मुलाकात कर
नक्सली उन्मूलन में उनकी भूमिका की सराहना की और उत्साहवर्धन किया।
उईके ने कहा कि बस्तर अंचल में अमन-चैन और शान्ति स्थापित करने सहित बस्तर
के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे है। इसमें शिक्षा,
स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सहित अंदरूनी
इलाकों में सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्यों को कराए जा रहे है। वहीं
जनजातीय समुदाय के लोगों को आजीविका के साधन मुहैया कराये जाने व्यापक पहल
किया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप नक्सली गतिविधियों में शामिल लोग उनका
साथ छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के लिये आगे आ रहे हैं। राज्यपाल ने आत्म समर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और उनके रोजगार के लिये हरसंभव प्रयास किये जाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने अधिकारियों को आत्म समर्पित नक्सलियों की महिला सदस्यों को महिला स्व-सहायता समूह बनाकर स्व-रोजगार प्रदान करने के निर्देश भी दिए।
आत्म समर्पण कर पुलिस उप निरीक्षक की सेवा करने वाले श्री संजय पोटामी ने राज्यपाल को बताया कि वह नक्सलियों के द्वारा स्थानीय लोगों का शोषण और हिंसा से त्रस्त हो चुका था। वहीं घर-परिवार की दिक्कतों को देखकर नक्सलियों का साथ छोड़ दिया और अब खुशहाल जीवन बसर कर रहा है। साथ ही तीन दिन पहले आत्म समर्पण करने वाले नक्सली राजू मिडको ने भी अपने घर-परिवार की देखरेख तथा बच्चों की शिक्षा देने के लिये नक्सलियों का साथ छोड़ने की बात कही। उईके ने आत्म समर्पित नक्सलियों के परिजनों से भी भेंटकर उन्हें आवास एवं रोजगार के लिये आवश्यक सहायता प्रदान करने आश्वस्त किया।
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