राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को समान रूप से बेहतर बनाने के लिए शिक्षक अभ्यास और मूल्यांकन में मानकों की आवश्यकता है। स्कूल से राज्य स्तर तक सीखने के परिणामों की निगरानी करना है। इस दृृष्टि से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के तहत एक आकलन केन्द्र स्थापित किया गया है जो पाठ््यक्रम सुधार की धुरी बन जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ में इस केन्द्र की स्थापना और संचालन के लिए 48 करोड़ रूपए की मंजूरी प्रदान की है। 
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी ने 5 दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला के उदधाटन अवसर पर आकलन केन्द्र के उद््देश्य बताते हुए कहा कि राज्य के प्रत्येक बच्चे के पास शिक्षा के सर्वोत्तम संसाधनों तक पहुंच के साथ सीखने के समान अवसर होने चाहिए। यह अवसर केवल शहरी क्षेत्रों के स्कूलों तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों तक भी पहुंचे। श्री द्विवेदी ने कहा कि आने वाले दिनों में यह आकलन केन्द्र सामान्य मानकों का विकास करेगा, जो राज्य में बेहतर शैक्षिक परिणामों के लिए शिक्षक प्रशिक्षण सामग्री, अध्ययन सामग्री, कक्षा अभ्यास और मूल्यांकन को रेखांकित करेंगा। 
आकलन केन्द्र कक्षा स्तर पर शिक्षक अभ्यास के लिए मानक बनाएगा, जिसमें पाठ योजना, शिक्षण रणनीति, योग्यता आधारित शिक्षण परिणाम रूपरेखा, फॉर्मेटिव और योगात्मक आकलन से मूल्यांकन, प्रश्न पत्र, प्रशिक्षण कार्यक्रम जो कक्षा की आवश्यकता का ध्यान में रखते हुए डिजाइन और वितरित किए गए है। इसके साथ ही चुनौतियां, रिर्पोट कार्ड, आकलन कार्यक्रम और अनुसंधान के कार्य भी होंगे। 
आकलन केन्द्र के लिए आधार को राज्य स्तरीय आकलन के साथ रखा गया था, जो इस वर्ष सभी विषयों के लिए कक्षा-1 से 8 तक की वार्षिक परीक्षा एक साथ सभी शासकीय स्कूलों में आयोजित की गई। यह पहल देश में अपनी तरह की अनूठी पहल थी। इससे छत्तीसगढ़ सरकार को राज्य में विद्यार्थियों और शिक्षकों में सीखने के स्तर में मदद मिलेगी।