छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज नई दिल्ली में आयोजित समारोह में बी.पी. मण्डल सामाजिक न्याय रत्न से सम्मानित करते हुए उनका जन अभिनंदन किया गया। श्री बघेल को छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाने के फैसले के लिए उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया। सामाजिक न्याय के प्रणेता और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री बी.पी. मंडल की जयंती के अवसर पर आज नई दिल्ली के कॉन्स्टिटूशन क्लब में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। पूर्व राज्य सभा सांसद शरद यादव ने मुख्यमंत्री बघेल को श्री बी पी मंडल सामाजिक रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि, वर्षों से जिन्होंने संविधान सम्मत अधिकारों की रक्षा के लिए अपना खून-पसीना बहाया है उनके ‘दुःख के दिन बीत गए है’। 25 अगस्त सामाजिक न्याय के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। मंडल आयोग की रिपोर्ट के रचयिता बीपी मंडल जी की आज जयंती है। संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने आज के ही दिन अगर मेरा सम्मान करने का फैसला किया है तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है और मेरे लिए भावुक कर देने वाला पल है।
श्री बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण बढ़ाए जाने पर यह सम्मान उन्हें प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि, संविधान के अनुच्छेद-340 को लागू करते हुए सामाजिक न्याय का जो पहलू छूट गया था, वह मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू करने के साथ आज से 26 साल पहले एक हद तक पूरा हुआ था। मंडल साहब की सिफारिशों का जो हिस्सा ठीक तरह से लागू नहीं हुआ था, हमने छत्तीसगढ़ में उसे पूरा करने की कोशिश की है। दरअसल मैंने कोई खास काम नहीं किया है, बस संविधान की सिफारिशों को ठीक तरह से लागू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि, गांधी-नेहरु की सर्वजन हिताए नीतियों पर विश्वास हमारी प्राथमिकता है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.