मुख्यमंत्री ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण की जयंती 3 अगस्त पर उनकी कृतियों को याद करते हुए कहा कि श्री गुप्त की रचनाएं राष्ट्रीय चेतना, मानवीय उत्थान और धार्मिक भावना से ओतप्रोत थी। उनकी खड़ी बोली की रचनाओं ने बड़े वर्ग पर अमिट छाप छोड़ी।
मुख्यमंत्री ने कहा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनकी रचना भारत-भारती का लोगों में प्रभाव को देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्रकवि की उपाधि दी थी। महाकाव्य, खण्डकाव्य, काव्यगीत, नाटिकाओं के रचयिता श्री गुप्त को उनके कालजयी साहित्य के लिए पद्भभूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। श्री बघेल ने युवा पीढ़ी कहा कि वे भारतीय साहित्य के अथाह और अमूल्य धरोहर को जानें,सहेजें और पल्लवित करें।