मुख्यमंत्री जिला मुख्यालय महासमुंद में आयोजित आभार रैली एवं पिछड़ा वर्ग महासम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पुरखों के सपनों को साकार करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को समृद्ध राज्य बनाने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। 
        मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने दुनिया का अपनी तरह का पहला हाथी रिजर्व लैमरू में बनाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही राज्य की खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर लगभग 84 करोड़ 69 लाख रूपए लागत के 32 कार्यो का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमंे से 61 करोड़ 97 लाख रूपए के 18 कार्यों का लोकार्पण तथा 22 करोड़ 72 लाख रूपए के 14 कार्यों का शिलान्यास शामिल है। इस अवसर विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया।
        मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों की ऋण माफी, 2500 रूपए मूल्य पर धान खरीदी, 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ, 4000 रूपए मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदी कर वादा पूरा किया। उन्होंने कहा कि 2500 रूपए क्विंटल में धान खरीदी, कर्ज माफी, सिंचाई कर माफ, बिजली बिल हाफ होने से लाखों परिवारों में खुशहाली आई है। उन्होंने कहा कि कुपोषण एवं एनीमिया से ग्रसित महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए वनांचलों में सुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया है। यह अभियान महात्मा गांधी के जन्म दिन 2 अक्टूबर से प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की लोक परम्परा एवं संस्कृति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में पहली बार हरेली, विश्व आदिवासी दिवस, तीज पर्व, छठ पूजा एवं कर्मा जयंती के अवसर पर सामान्य अवकाश की घोषणा की गई है। 
    मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का मानना था कि देश का विकास गांव के विकास से ही संभव है उसी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश में सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी के विकास और संवर्धन का काम शुरू किया गया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और गांव में समृद्धि आएगी। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे के गांवों को चिन्हांकित कर तथा गांव वालों की बैठक लेकर मवेशियों के लिए गौठान निर्माण करें। गौठान निर्माण पश्चात इसके संचालन की जिम्मेदारी गांव वालों को दी जाए। उन्होंने कहा कि बाड़ी योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, घर-घर में सब्जी की उपलब्धता होगी और कुपोषण दूर करने में मदद मिलेगी। 
          कार्यक्रम को उद्योग एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन, श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और पूर्व मंत्री एवं अभनपुर विधायक श्री धनेन्द्र साहू एवं महासमुंद विधायक श्री विनोद चंद्राकर ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं नगरी सिहावा के विधायक श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव, खल्लारी विधायक श्री द्वारिकाधीश यादव, सरायपाली विधायक श्री किस्मतलाल नंद, चंद्रपुर विधायक श्री रामकुमार यादव, धरसींवा विधायक श्रीमती अनिता शर्मा, बिलाईगढ विधायक श्री चंद्रदेव राय, पूर्व विधायक श्री मकसूदनलाल चंद्राकर, श्री अग्नि चंद्राकर, श्री दिलीप लहरिया अन्य जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।