इंदौर.
रियल सेक्टर पर जीएसटी की प्रभावी दर में हुई कटौती 1 अप्रैल से लागू होने जा रही है,
इस नई दर के
लागू होने पर बिल्डर्स को देय क्रेडिट को लेकर फिटमेंट व लॉ रिव्यू कमेटी ने अपना
प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल को दे दिए हैं। इस पर काउंसिल वीडियो कांफ्रेंसिंग के
जरिए बैठक कर मंगलवार को फैसला करने जा रही है। बिल्डर्स के लिए सबसे बड़ी चिंता
इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को लेकर ही है। मोटे तौर पर कमेटी ने यह प्रस्ताव
दिया है कि यदि बिल्डर्स ने ग्राहक से ली गई राशि भले ही वह बुकिंग राशि हो या
फ्लैट बिक्री की राशि, इस
पर जीएसटी दिया है तो उसे क्रेडिट दिया जाएगा।
ग्राहकों
के हिसाब से बात करें तो ग्राहक ने निर्माणाधीन फ्लैट की बुकिंग राशि का जितना
हिस्सा दे दिया है, उस
पर उसे पुरानी टैक्स दर (12 फीसदी, यदि अफोर्डेबल हाउसिंग है तो 8 फीसदी) से टैक्स देना होगा। इसके बाद
बची हुई बुकिंग राशि पर ग्राहक को 1 अप्रैल से लागू होने वाली नई जीएसटी दर (नॉन
मेट्रो शहर में फ्लैट 90
वर्गमीटर से कम एरिया व 45 लाख से कम कीमत का है तो 5 फीसदी और यदि एरिया व कीमत इससे अधिक
है तो एक फीसदी) लगेगी। इसी तरह बिल्डर्स को भी ग्राहक से ली गई राशि और उस हिस्से
के चुकाए गए टैक्स के आधार पर ही क्रेडिट दी जाएगी, जो हिस्सा उसने ग्राहक को नहीं बेचा,
जिसकी राशि नहीं
ली और टैक्स भी नहीं भरा, उस पर क्रेडिट नहीं मिलेगी। चुनाव आयोग की
मंजूरी के बाद मंगलवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो
रही है।
जीएसी
में दूसरी अपील के लिए मप्र में बनेगी डबल बैंच : काउंसिल मंगलवार को जीएसटी मामले
में अपील के लिए दूसरे चरण की बैंच बनाने का भी फैसला कर सकता है। जानकारी के
अनुसार जीएसटी में हुए विभाग के फैसले के खिलाफ अपील के लिए अभी प्रथम अपीलीय
अधिकारी तय हो चुके हैं, लेकिन इनके फैसले के खिलाफ अपील के लिए अब हर
राज्य में डबल बैंच गठित होगी, जिसमें सेंट्रल जीएसटी और वाणिज्यिक कर दोनों
विभाग के एक-एक अधिकारी रहेंगे, इससे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
कमेटी
ने 3
तरह की मल्टी मानकर दिए फार्मूले :
1. मल्टी यदि पूरी बन चुकी है, और बिल्डर्स ने ग्राहक से राशि और
टैक्स पुरानी दर से लिया है तो उस पर क्रेडिट मिलेगी।
2. मल्टी
निर्माणाधीन है, तो
जितनी प्रॉपर्टी बेच दी और ग्राहक से टैक्स ले लिया, उस हिस्से की क्रेडिट दी जाएगी,
यदि बिल्डर्स ने
अधिक क्रेडिट ले ली तो उससे टैक्स वापस जमा कराया जाएगा, यदि क्रेडिट लेना बच गया है तो उसे दी
जाएगी।
3. यदि
मल्टी बनना शुरू नहीं हुई, लेकिन ग्राहक ने बुकिंग राशि दे दी और बिल्डर्स
ने भी टैक्स दे दिया तो इस पर क्रेडिट मिलेगी।
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