तापमान
में बढ़ोतरी के बावजूद स्वाइन फ्लू का असर कम नहीं हाे रहा है। इस बीमारी ने दाे
अाैर मरीजाें की जान ले ली। जनवरी और फरवरी में 18 मरीजों की मौत हुई थी। मार्च में
गर्मी का असर बढ़ने लगा।
इसके
बावजूद इस महीने के 22
दिन में 23
मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार लिम्बोदी निवासी 60 वर्षीय महिला को 6 मार्च को भर्ती किया गया था। 1
1
मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 21 मार्च की रात को महिला की मौत हो गई। लिम्बोदी
निवासी 61
वर्षीय व्यक्ति की भी मौत हो गई। 16 मार्च को एमवायएच में भर्ती करवाया था। 19 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी दिन
मरीज की मौत भी हो गई। गुरुवार को 25 नए मरीजों की रिपोर्ट प्राप्त हुई जिनमें से 6 पॉजिटिव आई है। अब तक 162 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। 42 मरीजों की मौत हो चुकी है। 644 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा
चुके हैं।
निजी
अस्पतालों को हिदायत- मरीजों को अपने स्टोर से दवा खरीदने के लिए बाध्य न करें :
निजी अस्पतालों को सर्दी-खांसी के मरीजों के आंकड़े भी स्वास्थ्य विभाग को भेजना
होंगे। स्वाइन फ्लू के बढ़ रहे मरीजों और अस्पताल तक उनके देर से पहुंचने का मामला
उठने के बाद शुक्रवार को यह निर्णय लिया गया। निजी अस्पतालों को यह हिदायत भी दी
कि वे किसी भी मरीज को अपने स्टोर से दवा खरीदने के लिए बाध्य नहीं करें। विभाग को
शिकायतें मिल रही थीं कि स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए मरीज से ज्यादा पैसा वसूला जा
रहा है।
संभागायुक्त
के निर्देश पर संभागीय संयुक्त संचालक की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें निजी
अस्पतालों को निर्देशित किया गया कि वे किसी भी मरीज को गंभीर अवस्था में रैफर
नहीं करें। स्वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग के लिए सुबह व शाम को ओपीडी चलाएं। जिन निजी
अस्पतालों ने मरणासन्न अवस्था में मरीजों को एमवायएच रैफर किया, उनको लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में
सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिया, आईडीएसपी प्रभारी डॉ. एस. पोरवाल व अन्य
अधिकारी और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.